कोलकाता: वक्फ संशोधन कानून के लागू हो जाने के बाद भी देश में इसके विरोध को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ जहां तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध कर रहे हैं वहीं कई मुस्लिम संगठन भी इसके विरोध में सड़कों पर उतरने की धमकी दे रहे हैं। इस कानून के खिलाफ और इसके पक्ष में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में भी डाली गई हैं। इस सबके बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद सहित कई हिस्सों में इस कानून के विरोध में सड़कों पर जमकर हंगामा काटा गया। जिसको लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। जिसको लेकर भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक टीएमसी नेता का वीडियो साझा कर ममता बनर्जी पर इस हंगामे को भड़काने का आरोप लगाया।
दरअसल, सीएम ममता बनर्जी की अपील के बाद भई पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठन सड़कों पर हैं। इसी बीच भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सीएम ममता पर गंभीर आरोप लगाए। मालवीय ने ममता बनर्जी को झूठी बताते हुए उन पर हिंसा भड़काने और सांप्रदायिक तनाव को हवा देने का आरोप लगाया।
Mamata Banerjee is a liar. She was the first to stoke widespread discontent over the Waqf Amendment—even while the JPC and Parliament were still discussing provisions to curb misuse and add safeguards to the new law.
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 12, 2025
She has actively instigated and sponsored violence,… https://t.co/Bw7B7clgWu pic.twitter.com/yDLfzzjCcD
अमित मालवीय ने शेयर किया वीडियो
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ममता बनर्जी झूठी हैं। वक्फ संशोधन पर व्यापक असंतोष को भड़काने वाली वे पहली व्यक्ति थीं - जबकि जेपीसी और संसद अभी भी इसके पुराने प्रारूप के दुरुपयोग को रोकने और नए कानून में सुरक्षा उपाय जोड़ने के प्रावधानों पर चर्चा कर रहा था। उन्होंने सक्रिय रूप से हिंसा को उकसाया और प्रायोजित किया, खासकर शुक्रवार की नमाज के बाद।"
उन्होंने आगे दावा किया कि पश्चिम बंगाल के राज्य पुस्तकालय मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी, जो जमीयत उलेमा-ए-हिंद की राज्य इकाई के प्रमुख भी हैं, उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा, "मुख्यमंत्री के कार्यालय से एक कॉल आया जिसमें कहा गया कि वह इस तरह की भीड़ को देखकर बहुत खुश हैं।" मालवीय ने इस बयान का एक वीडियो भी अपने पोस्ट के साथ साझा किया और ममता के द्वारा सोशल मीडिया पर की गई शांति की अपील वाली पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा।
मालवीय ने आगे ममता को इंगित कर लिखा, "अब वह फिर से झूठ बोल रही हैं, दावा कर रही हैं कि वह इस कानून को राज्य में लागू नहीं करेंगी। सच तो यह है कि किसी भी राज्य सरकार के पास भारतीय संसद द्वारा पारित कानून को रोकने का अधिकार नहीं है। ममता बनर्जी के पास इसका पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वह सांप्रदायिक हिंसा और उसके बाद हुई दुखद जानमाल की हानि के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।"
ममता बनर्जी ने की थी शांति बनाए रखने की अपील
बता दें कि इससे पहले शनिवार को ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक एक्स पोस्ट के जरिए राज्यवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने लिखा, "सभी से अपील... सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत और संयमित रहें। धर्म के नाम पर किसी भी अधार्मिक व्यवहार में शामिल न हों। हर इंसान की जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे मत भड़काओ। जो लोग दंगा कर रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "याद रखिए, हमने वह कानून नहीं बनाया है जिसे लेकर बहुत से लोग नाराज हैं। यह कानून केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया था। इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिए। हमने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है - हम इस कानून का समर्थन नहीं करते हैं। यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। तो फिर दंगा किस बात पर है?"
उन्होंने आगे कहा कि यह भी याद रखें कि हम दंगा भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। हम किसी भी हिंसक गतिविधि का समर्थन नहीं करते हैं। कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके बहकावे में मत आइए। मेरा मानना है कि धर्म का अर्थ है मानवता, दया, सभ्यता और सद्भाव। सभी लोग शांति और सद्भाव बनाए रखें - यही मेरी अपील है।