कश्मीर की जेड-मोड़ परियोजना क्या है जहां हमला कर आंतकियों ने 6 मजदूरों की कर दी हत्या?

कश्मीर की जेड-मोड़ परियोजना अगस्त 2023 में पूरा होने वाला था लेकिन कुछ कारणों के चलते यह समय से पूरा नहीं हो पाया था। मौजूदा समय में सुरंग बनकर पूरी तरह से तैयार है लेकिन अभी तक इसका उद्घाटन नहीं किया गया है।

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What is Z-Morh project in Kashmir Srinagar-Sonamarg highway which terrorists have targeted and killed 6 laborers

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- IANS)

जम्मू: जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर-सोनमर्ग राजमार्ग पर रविवार शाम को संदिग्ध आंतकियों के हमले में एक डॉक्टर समेत छह मजदूरों की मौत हो गई है। हमले में बुनियादी ढांचा कंपनी एपीसीओ इंफ्राटेक के मजदूरों को निशाना बनाया गया है जो श्रीनगर-सोनमर्ग राजमार्ग पर जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण काम में लगे हुए थे।

इलाके में ऐसा पहली बार हुआ है जिसमें किसी प्रमुख परियोजना को आंतकियों ने निशाना बनाया है। जेड-मोड़ सुरंग को इसका नाम इसके आकार के कारण दिया गया है जो दिखने में अंग्रेजी के जेड अक्षर की तरह है। यह 6.4 किलोमीटर लंबी सुरंग है जो लोकप्रिय सोनमर्ग हेल्थ रिसॉर्ट को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के कंगन शहर से जोड़ती है।

यह सुरंग गगनगीर गांव के पास स्थित है। इलाके में सोनमर्ग एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसे जोड़ने और यहां पर साल भर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए इस सुरंग को बनाया जा रहा है।

इलाके में क्यों सुरंग बनाने की पड़ी जरूरत

इलाके में जहां पर सुरंग बन रहा है, वह 8500 से अधिक ऊचाई पर स्थित है जहां पर सर्दियों में भारी बर्फबारी होती रहती है। इस कारण सोनमार्ग जाने वाली सड़क सर्दियों में ज्यादातर बंद रहती है जिससे क्षेत्र तक पहुंच बुरी तरह से प्रभावित होती है। इस सुरंग के बन जाने से इस समस्या का समाधान हो सकता है जिससे साल भर इलाके में कनेक्टिविटी कायम हो सकती है।

इस परियोजना की कल्पना मूल रूप से साल 2012 में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा की गई थी। बीआरओ ने इसे बनाने के लिए टनलवे लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट दिया था। बाद में इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने अपने कब्जे में ले लिया था।

एनएचआईडीसीएल ने सुरंग परियोजना का दोबारा टेंडर जारी किया था और इसे बनाने का एपीसीओ इंफ्राटेक को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत एपीसीओ-श्री अमरनाथजी टनल प्राइवेट लिमिटेड सुरंग बनाने पर काम कर रहा था।

यह परियोजना अगस्त 2023 में पूरा होने वाला था लेकिन कुछ कारणों के चलते यह समय से पूरा नहीं हो पाया था। इसी साल फरवरी में इसका एक छोटा सा उद्घाटन हुआ था।

मौजूदा समय में सुरंग बनकर पूरी तरह से तैयार है लेकिन अभी तक इसका उद्घाटन नहीं किया गया है। जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इसके उद्घाटन में देरी हुई है।

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क्यों इतना खास और जरूरी है यह सुरंग

यह सुरंग कई मायने में खास है जो इलाके में न केवल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा बल्कि इससे सैनिकों की तैनाती में भी आसानी होगी। सुरंग के कारण लोगों के हर मौसम में और साल भर आवाजाही संभव हो पाएगी और इससे सैनिकों को लद्दाख के बार्डर इलाके में पहुंचने में भी काफी आसानी होगी।

जेड-मोड़ सुरंग व्यापक बुनियादी ढांचे की योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें जोजिला सुरंग का निर्माण भी शामिल है। जोजिला सुरंग के दिसंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। ये सुरंगें कश्मीर और लद्दाख के बीच निरंतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगी, जो पर्यटन और सैन्य अभियान दोने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

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