लखनऊ: जब से विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का मामला सामने आया है तब से सोशल मीडिया पर यूपीएससी परीक्षा को लेकर अलग-अलग कोटे से सेलेक्ट हुए अभ्यर्थियों की चर्चा जोरों पर है।
इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया है जहां पर साल 2022 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को पास करने का दावा करने वाली ज्योति मिश्रा की सच्चाई सबके सामने आई है। ज्योति ने दावा किया था कि उसने संघ की परीक्षा पास की है और बतौर आईएफएस अफसर उसकी तैनाती स्पेन के मैड्रीड में हुई है।
वह पिछले दो सालों से अपने घर वालों से अपनी नौकरी को लेकर झूठ बोल रही है। ज्योति ने यूपीएससी परीक्षा पास नहीं की है और न ही उसे आईएफएस की नौकरी मिली है।
उसने अपनी पोस्टिंग को लेकर भी झूठ बोला है और वह फिलहाल दिल्ली में रहकर एक कंपनी के लिए काम कर रही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब यूपीएससी परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हुई थी और ज्योति के केस को भी एक सोशल मीडिया यूजर ने उठाया गया था।
क्या है पूरा मामला
यूपीएससी परीक्षा में फेक दस्तावेजों के जरिए नौकरी पा रहे अधिकारियों को लेकर जब सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हुई थी तो ज्योति मिश्रा का भी मामला सामने आया है।
एक एक्स यूजर ने जून 2022 की एक रिपोर्ट शेयर करते हुए यह दावा किया है कैसे एक सामान्य कैटेगरी से आने वाली ब्राह्मण जाति की ज्योति मिश्रा ने एससी कोटा का इस्तेमाल कर यूपीएससी की नौकरी हासिल की है।
इस दावे के बाद ज्योति ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर यह दावा किया कि उसने कोई भी कोटे का गतल इस्तेमाल नहीं किया है और वह सामान्य कैटेगरी से परीक्षा पास की हैं और वे बतौर आइएफएस अफसर स्पेन की दूतावास में तैनात हैं।
पोस्ट में ज्योति ने सफाई देते हुए कहा कि जिस 2022 की रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है उसमें जो जिस ज्योति का नाम है वह कोई और है वह नहीं हैं। उसने दावा किया कि वह एक आईएफएस अफसर है और उसका नाम उस लिस्ट में नहीं बल्कि एक दूसरी लिस्ट में है।
ज्योति ने अपने दावे को सही साबित करने के लिए अपना फेक राजनयिक पासपोर्ट, यूपीएससी में चयन और मैड्रिड में पोस्टिंग के दस्तावेज के साथ मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) का एक आईडी कार्ड भी शेयर किया था।
स्पेन में भारतीय दूतावास ने झूठ से उठाया पर्दा
मामले की जांच जब आगे पहुंची तब ज्योति के झूठ का खुलासा हुआ और पता चला है कि वह स्पेन में नहीं है बल्कि दिल्ली में एक कंपनी में काम कर रही है। स्पेन की राजधानी मैड्रिड में भारतीय दूतावास में प्रेस सूचना और संस्कृति को संभालने वाले दूसरे सचिव अमन चंद्रन ने बताया कि उनके ऑफिस में ज्योति मिश्रा नामक कोई भी अधिकारी तैनात नहीं है।
इस खुलासे के बाद ज्योति का झूठ पूरी तरह से पकड़ा गया था। ज्योति का जब झूठ पकड़ा गया तब उसने अपनी गलती मान ली और बताया कि कैसे इस मामले में वह पिछले दो सालों से अपने परिवार वाले और रिश्तेदारों से झूठ बोलते आ रही है।
कौन है ज्योति मिश्रा
यूपी के रायबरेली में रहने वाली 25 साल ज्योति मिश्रा ने कक्षा 12वीं में 96 फीसदी नंबर लाई थी और वह अपनी आगे की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी चली गई थी। ज्योति के घर वालों का कहना है कि वह पढ़ाई में बहुत अच्छी है। उसके पिता सुरेश नारायण मिश्रा यूपी पुलिस में दरोगा हैं। ज्योति ने यूपीएससी की 2020 और 2021 की परीक्षा दी थी।
परिवार वालों को धोखा देने के लिए बनाई झूठी कहानी
ज्योति मिश्रा के पिता ने जो रैंक शेयर किया है वह उनकी बेटी का नहीं है बल्कि उसी साल परीक्षा पास करने वाली एक दूसरी ज्योति का है जो एससी कैटेगरी से आती है और उस परीक्षा में उसको वह रैंक आया था। मामला सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ है कि उसने केवल अपने परिवार वालों को धोखा में रखने के लिए इस तरह की झूठी कहानी गढ़ी थी।
इस कारण बोला था झूठ
ज्योति ने बताया कि उसके कुछ दोस्तों ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी और उन्हें देख कर वह भी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी लेकिन दो बार परीक्षा देने के बाद भी यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं कर पाई थी।
उसने यह भी कहा है कि वह खुद को साबित करने के लिए संघ की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी लेकिन कुछ परिस्थितियों के कारण वह भटक गई थी। ज्योति ने कहा है कि वह बार-बार परीक्षा देने के बाद उसमें होने वाली हार को सहन नहीं कर पाई थी जिस कारण उसने आईएफएस अफसर बनने की झूठी कहानी रची थी।
यूपी पुलिस ने भी ट्वीट कर दी थी बधाई
जून 2022 में जब परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ था और पूरे इलाके में ज्योति की खूब चर्चा हुई थी तब यूपी पुलिस ने भी उसकी फोटो को ट्वीट कर उसे बधाई दी थी। जब से ज्योति ने अपने घर वालों से यह झूठ बोला था, इस दौरान वे अपने घर भी बहुत कम आती है।
यूपी पुलिस परिवार की ओर से सिविल सेवा परीक्षा 2021 में ज्योति मिश्रा,(D/O सुरेश नारायण मिश्र,एस.आई. कमिश्नरेट लखनऊ) को 432 रैंक,आदित्य वर्मा,(S/O संजय कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर मिर्ज़ापुर)को 200 रैंक एवं चित्रांशु गौतम पुलिस उपाधीक्षक को 630 रैंक हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। pic.twitter.com/XgOXSH99Wr
— UP POLICE (@Uppolice) May 31, 2022
ज्योति आखिरी बार डेढ़ महीने पहले अपने माता पिता से मिली थी और उस समय उसने कहा था कि वह ‘मैड्रीड’ से उनसे मिलने आई है।
परिवार वालों ने क्या कहा
अपनी बेटी द्वारा बोले गए इतने बड़े झूठ से ज्योति के माता पिता काफी दुखी हैं। उनका कहना है कि वे इस राज खुलने से पहले यही मानते थे कि उनकी बेटी एक आईएफएस अधिकारी है और स्पेन में तैनात है।
उन लोगों ने कहा कि वे कभी भी ज्योति को किसी चीज के लिए दबाव नहीं दिए थे, इसके बावजूद भी उसने उन लोगों के साथ झूठ क्यों बोला है। ज्योति के पिता ने कहा कि वे नहीं जानते हैं कि उसकी बेटी अभी कहां हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि उनकी बेटी घर वापस आ जाए।