कानपुरः सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई समेत 5 लोगों को 7 साल की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को कानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी मामले में सभी आरोपियों को साल की सजा सुनाई साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्मान भी लगाया।
सोमवार 3 जून को मामले में सुनावई करते हुए अदालत ने इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत तीन अन्य को दोषी करार दिया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने सोलंकी को धारा 436, 427, 147, 504, 506, और 323 के तहत दोषी पाया था। लेकिन उन्हें धारा 386, 149, और 120B से बरी कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। बाकी सभी आरोपी सशरीर अदालत में पेश हुए थे। सजा के साथ ही इरफान की विधानसभा सदस्यता खत्म होना तय है। इरफान कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक हैं। इरफान की सीट खाली होने से यूपी में नौ सीटों पर उपचुनाव तय हो गए हैं। आठ सीटों के विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद बन गए हैं। फैसले के बाद इरफान के वकील ने कहा कि वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
क्या है जाजमऊ आगजनी मामला?
जाजमऊ आगजनी कांड 2022 का है। रिपोर्ट के मुताबिक, 7 नवंबर को जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में नजीर फातिमा के घर में आरोपियों ने जमीन कब्जाने को लेकर आगजनी की थी। 8 नवंबर 2022 को, नजीर फातिमा ने जाजमऊ पुलिस स्टेशन में सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और तीन अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और अन्य पर आरोप था कि उन्होंने साजिश के तहत फातिमा का घर जलाकर उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की।
मामले में सभी आरोपियों पर आईपीसी की धाराओं 436, 506, 504, 147, 427, 386, और 120B के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद इरफान सोलंकी फर्जी आधार कार्ड बनवाकर फरार हो गए लेकिन बाद में आत्मसमर्पण किया। सोलंकी 2023 से महराजगंज जेल में बंद हैं। जबकि अन्य आरोपी कानपुर जेल में कैद हैं। अभियोजन पक्ष ने 19 गवाह प्रस्तुत किए, जिनमें से कोई भी अपने बयान से मुकरा नहीं। इरफान सोलंकी 2023 से जेल में हैं। जमानत को लेकर सोलंकी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था लेकिन उसे राहत नहीं मिली।