नई दिल्ली: भारतीय सेना ने ‘खड़गा’ नामक एक उन्नत कामिकेज ड्रोन विकसित किया है। यह एक खास तरह की हवाई प्रणाली है, जिसे खुफिया जानकारी जुटाने और निगरानी के लिए उपयोग किया जा सकता है।
इसके साथ ही यह दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने की क्षमता भी रखता है। दूसरी ओर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ‘द्रोणम’ नामक एक प्रणाली का उपयोग करके भारत-पाकिस्तान सीमा पर 55 फीसदी ड्रोन को निष्क्रिय करने में सफलता पाई है।
‘खड़गा’ और ‘द्रोणम’ जैसी तकनीकों के विकास से भारत न केवल अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने में सक्षम बना है, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम और बढ़ाया है।
कैसे काम करता है ‘खड़गा’?
एनडीटीवी की एक खबर के अनुसार, ‘खड़गा’ ड्रोन हल्का और तेज है, जिसकी गति 40 मीटर प्रति सेकंड है। यह ड्रोन 700 ग्राम तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। इसमें जीपीएस, नेविगेशन सिस्टम और हाई-डेफिनिशन कैमरा जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगे हुए हैं।
इसके अलावा यह दुश्मन के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को बाधित करने वाले काउंटरमेज से भी लैस है।
KHARGA #Kamikaze Drone is cost effective (Approx 30,000), light weight, quick launch and easy to fabricate aerial system capable of being deployed in Intelligence, Surveillance & Reconnaissance roles as well as for #Kamikaze attacks onto enemy forces. It is equipped with a… pic.twitter.com/3628pTKW8Q
— Manish Prasad (@manishindiatv) December 5, 2024
ड्रोन की रेंज और विशेषताएं
खबर के मुताबिक, ‘खड़गा’ करीब डेढ़ किलोमीटर तक उड़ सकता है। यह रडार पर पकड़ में नहीं आता, जिससे इसे दुश्मन के लिए खोज पाना मुश्किल हो जाता है। इसे बहुत ही किफायती कीमत पर केवल 30 हजार रुपए की लागत से बनाया गया है।
कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल सबसे पहले द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी सेना ने आत्मघाती मिशनों में किया था। हाल ही में, रूस-यूक्रेन युद्ध में भी ऐसे ड्रोन का बड़े पैमाने पर उपयोग हुआ।
यूक्रेन ने रूसी सेना के ठिकानों और बख्तरबंद वाहनों पर हमला करने के लिए कामिकेज ड्रोन का प्रभावी इस्तेमाल किया। इसी से प्रेरित होकर भारत ने ‘खड़गा’ ड्रोन विकसित किया है।
इसकी एक खास बात यह है कि यह सीमित बजट में दुश्मन के खिलाफ प्रभावी हथियार साबित हो सकता है। इसके जरिए सीमाओं पर खुफिया जानकारी जुटाना और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करना आसान हो जाएगा।
इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ‘द्रोणम’ नामक एक प्रणाली का उपयोग करके भारत-पाकिस्तान सीमा पर 55 फीसदी ड्रोन को निष्क्रिय किया है। खबर के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ ने स्वदेशी ‘द्रोणम’ तकनीक से पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 55 फीसदी ड्रोन रोकने में सफलता पाई है।
बीएसएफ के 60वें स्थापना दिवस पर उन्होंने इसे देश की सुरक्षा के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। ‘द्रोणम’ एक खास तकनीक है, जो अवैध ड्रोन को रोकने के लिए बनाई गई है। यह आसानी से अलग-अलग परिस्थितियों में काम कर सकती है। गृह मंत्री ने बीएसएफ जवानों की मेहनत और देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए उनकी सराहना की।