चीन से पाकिस्तान को मिला एयर डिफेंस सिस्टम फेल, क्या है HQ मिसाइल लॉन्चर जिसे भारत ने तबाह किया?

भारत ने लाहौर स्थित पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नेस्तनाबूत कर दिया है। पाकिस्तान ने इसे 2021 में चीन से लिया था और 2024 में सार्वजनिक तौर पर परेड में इसे दिखाया था।

WHAT IS HQ9 AIR DEFENCE SYSTEM GIVEN BY CHINA TO PAKISTAN

HQ-9 मिसाइल लांचर क्या है? (प्रतीकात्मक तस्वीर) Photograph: (ग्रोक)

नई दिल्लीः भारत ने पाकिस्तान के HQ मिसाइल लांचरों को निशाना बनाते हुए नेस्ताबूत कर दिया है। भारत द्वारा यह कार्रवाई आठ मई को की गई है। भारतीय रक्षा मंत्रालय की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है। भारत द्वारा लांच किए गए इस मिशन में पाकिस्तान के लाहौर स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट किया गया है। 

इससे पहले भारत ने छह और सात मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए नौ जगहों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसका कोडनेम 'ऑपरेशन सिंदूर' रखा गया था। इस स्ट्राइक में बहावलपुर और मुरीदके जैसे स्थानों को निशाना बनाया गया था। 

क्या है पाकिस्तान का HQ-9 सिस्टम? 

HQ-9 पाकिस्तान का एक एयर डिफेंस सिस्टम है। पाकिस्तान द्वारा इसे साल 2021 में शामिल किया गया था। इसे एक चीनी कंपनी द्वारा बनाया गया है। इसका इस्तेमाल मुख्यतः लंबी दूरी तक हवा में लड़ाई करने वाला मिसाइल सिस्टम है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, चीन द्वारा पाकिस्तान को जो HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम दिया गया है, उसे HQ-9P के रूप में जाना जाता है। इसमें P पाकिस्तान को दर्शाता है।

पाकिस्तान द्वारा इसे 2024 के परेड दिवस में दिखाया गया था। 

पाकिस्तान की तरफ से इसकी तैनाती लाहौर जैसे बड़े शहरों में की गई है। इसका उद्देश्य भारत की वायुसेना में शामिल सुखोई, राफेल और ब्रह्मोस के हमलों को रोकना है। इसकी अधिकतम रेंज 125 किमी है और एक साथ 8-10 हमले करने में सक्षम है। 

यह HT-233 फायर कंट्रोल रडार और 3D सर्च रडार से लैस है। इसके जरिए यह टारगेट को दूर से ही भांपने में सक्षम है। यह 30 किमी ऊंचाई तर हमला करने में सक्षम है। यानी अगर 30 किमी ऊंचाई पर कोई मिसाइल है तो यह उसे खत्म कर सकती है। 

भारत का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम

भारत के पास रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है। भारत ने इसे रूस से खरीदा था और 2021 में वायुसेना में शामिल किया था। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, साल 2018 में भारत और रूस के बीच इसकी डील हुई थी।

इसका इस्तेमाल भी हवाई हमले को रोकने के लिए किया जाता है। ये दुश्मन देश द्वारा किए गए मिसाइल, रॉकेट लांचर, फाइटर जेट, ड्रोन द्वारा किए गए हमले को रोकने में कारगर है।

इसे रोड के जरिए कहीं भी लाया ले जा सकता है, जो इसकी खासियत है। इसके साथ ही यह 600 किमी दूर स्थित मल्टीपल टारगेट को देख सकता है और इन्हें न्यूट्रालाइज कर सकता है। इसके साथ ही यह बहुत जल्द ही एक्टिव हो जाता है। 

भारत के पास इसका जो सिस्टम है वो नाम के अनुसार, 400 किमी की दूरी पर स्थित अपने अटैक को डिटेक्ट कर प्रतिक्रिया स्वरूप अटैक करने में सक्षम है। वहीं, 30 किमी की ऊंचाई पर अपने टारगेट पर अटैक कर सकता है। 

ऑपरेशन सिंदूर लांचिंग के बाद से पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया था। भारत ने इसके जवाब में कार्रवाई करते हुए इसे निष्क्रिय कर दिया है। 

ज्ञात हो कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के विरुद्ध कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं। वहीं, पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर गोलीबारी लगातार जारी है। भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर लांच किए जाने के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों को निशाना बनाया। इसमें पुंछ, उरी सेक्टर जैसे जगहें शामिल हैं। 

पाकिस्तान द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के बाद पुंछ जिले में 15 लोगों की मौत हो गई। 

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