हाथरस सत्संग हादसे के चश्मदीदों ने क्या कहा, किसकी लापरवाही से मची भगदड़?

सत्संग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर भी आक्रोश जताया है। लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में लाशों का ढेर पड़ा हुआ है, लेकिन एक भी डॉक्टर किसी का भी उपचार करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।

What did the eyewitnesses of Hathras Satsang accident say, whose negligence caused the stampede?

What did the eyewitnesses of Hathras Satsang accident say, whose negligence caused the stampede?

हाथरसः उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से 75 लोगों से की मौत हो गई है। मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सभी डेड बॉडी को एटा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि सत्संग में भीषण गर्मी की वजह से भक्तों की स्थिति खराब हो गई। सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे कई लोगों ने आपबीती सुनाई हैं।

सत्संग के समाप्त होने के बाद मची भगदड़

सत्संग में हिस्सा लेने पहुंची एक महिला ने बताया, “हम कई लोगें के साथ एक गाड़ी में सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे थे। लेकिन अब हमें पता नहीं है कि कुल कितने थे, लेकिन मैं एक बात कह सकती हूं कि हमारे साथ कई लोग थे। सभी एक-दूसरे पर चढ़ रहे थे। एक दूसरे को धक्का दे रहे थे, जिसमें कई लोग दब गए। सत्संग समाप्त होने के बाद जब हम जा रहे थे, तभी लोग एक दूसरे को धक्का देने लगे। एक-दूसरे को कुचलने लगे।“

वहीं, सत्संग में हिस्सा लेने पहुंची ज्योति नाम की युवती ने भी वहां की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “हम कई लोगों के साथ सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे थे। वहां बहुत सारे लोग थे। शुरू में तो सब कुछ ठीक ही था, लेकिन सत्संग समाप्त होने के बाद सभी लोग एक दूसरे पर चढ़ गए। पता ही नहीं चला कि ये सब कैसे हो गया। हमें बाहर निकलने की जगह ही नहीं मिल पा रही थी। सत्संग में कई लोग शामिल थे, जिसमें कइयों की मौत हो चुकी है।“

अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी

इसके अलावा, सत्संग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर भी आक्रोश जताया है। लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में लाशों का ढेर पड़ा हुआ है, लेकिन एक भी डॉक्टर किसी का भी उपचार करने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। अस्पताल में महज एक ही डॉक्टर है।

'पुलिस की लापरवाही से हुआ हादसा'

लोगों ने अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह सब कुछ हआ। कल रात से ही रोड पर जाम लगा हुआ था। पुलिस ने वो जाम खुलवा दिया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। लोगों ने कहा कि अस्पताल में लाशों का ढेर लग चुका है, लेकिन अस्पताल में एक ही डॉक्टर है।

अस्पताल में ऑक्सीजन तक नहीं

लाशें टेंपो और दूसरे वाहनों से जरिए मर्चरी पहुंचाई जा रही है। घटनास्थल पर संसाधनों का अभाव है। लोगों ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन तक नहीं है। ऐसे में यह कैसे किसी का उपचार कर सकेंगे। पुलिस से लेकर चिकित्सक से जुड़े सभी अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। हमारी बात कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने मीडिया को बताया, “सिकंदराराऊ के पास हाथरस जनपद स्थित एक गांव में सत्संग हो रहा था, जिसमें भगदड़ मच जाने से कई लोगों को मौत हो गई। वहीं कई घायल हो गए। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वहां भोलेबाला का सत्संग चल रहा था, जिसमें कई लोग हिस्सा लेने पहुंचे थे। सूचना मिली कि भगदड़ मचने से यह हादसा हुआ। यह बहुत दुखद घटना है।“ पुलिस प्रशासन  कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुआवजे की घोषणा की

इस हादसे पर सीएम योगी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचा कर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

रक्षा मंत्री ने दुख व्यक्त किया

हाथरस भगदड़: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में घटित घटना अत्यंत दुखद है। इसमें अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की निगरानी में स्थानीय प्रशासन सभी पीड़ितों को हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।"

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