पीएम मोदी ने बॉर्डर के मुद्दे पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात में क्या कहा?

साल 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली बार द्विपक्षीय बैठक हुई है। इससे पहले दोनों देशों के बीच सीमा पर गश्त को लेकर एक समझौता भी हुआ है।

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What did PM Modi say in his bilateral meeting with Chinese President Xi Jinping on border issue RUSSIA Kazan Brics Summit 2024

पीएम मोदी ने बॉर्डर के मुद्दे पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात में क्या कहा? (फोटो-X@narendramodi)

मॉस्को: रूस में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को द्विपक्षीय बातचीत हुई है। साल 2020 में हुए गलवान संघर्ष के बाद पहली बार द्विपक्षीय बैठक में पांच साल बाद दोनों नेताओं की मुलाकात हुई है।

हालांकि इससे पहले भी दोनों नेताओं की मुलाकात हो चुकी है लेकिन बुधवार की मुलाकात एक उचित द्विपक्षीय बैठक है।

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक तब हो रही है जब भारत और चीन के बीच देपसांग मैदानी क्षेत्र और डेमचोक क्षेत्र में गश्त लगाने को लेकर हाल में एक समझौता हुआ है। इसके तहत दोनों देश अब उन इलाकों में गश्त लगा सकते हैं जिसे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के संघर्ष को सुलझाने की एक कोशिश के रूप में देखी जा रही है।

बैठक में पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने क्या कहा

बातचीत में पीएम मोदी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच हालिया समझौते के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने दोनों देशो के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता को बनाए रखना को प्राथमिकता बताया है।

समझौते पर बोलते हुए पीएम ने बातचीत में कहा, "हम पांच साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं। हमारा मानना ​​है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम सीमा पर पिछले चार वर्षों में उत्पन्न मुद्दों पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बने रहना चाहिए।"

बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, "कजान में आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। पांच साल में पहली बार औपचारिक मुलाकात हुई है। हमारे दोनों देशों के लोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों हमारी बैठक पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं, प्रमुख विकासशील देश और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। हम दोनों अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण चरण में हैं। यह हमारे दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों की सबसे अच्छी सेवा करता है।"

द्विपक्षीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने मुलाकात को लेकर एक पोस्ट भी किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है, "कजान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। भारत-चीन संबंध हमारे देशों के लोगों और क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेगी।"

सीमा पर गश्त वाले समझौते पर भारत और चीन ने क्या कहा

इससे पहले चीन ने यह जानकारी दी थी कि भारत और चीन के बीच सीमा पर गश्त के संबंध में समझौता हो गया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया, "पिछले कुछ हफ्तों से भारत और चीन कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से लगातार संपर्क में थे। अब दोनों पक्षों ने एक समाधान पर सहमति बनाई है, जिसे चीन सराहना करता है। आगे चलकर, चीन और भारत मिलकर इन समझौतों को लागू करेंगे।"

सोमवार को विदेश सचिव ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय और चीनी कूटनीतिक और सैन्य वार्ताकार लगातार विभिन्न मंचों पर एक-दूसरे से संपर्क में थे। इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए एक समझौता हुआ है, जिससे 2020 में उत्पन्न समस्याओं का समाधान हो सकेगा। अब हम अगले कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।"

बता दें कि दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार अक्टूबर 2019 में महाबलिपुरम में एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी। इसके बाद से गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष हो गया था जिससे दोनों देशों के रिशतें तनावपूर्ण हो गए थे।

दरअसल, साल 2020 में पूर्वी लद्दाख (गलवान घाटी में) चीनी सैनिकों का घुसपैठ हुआ था जिसका विरोध भारतीय सैनिकों ने किया था। इस विरोध में दोनों देशों के सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी।

इसमें एक कमांडर सहित 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। हालांकि इस झड़प में कई चीनी सैनिकों की भी मौत हुई थी लेकिन चीन ने बाद में केवल चार सैनिकों के मरे जाने की बात कही थी।

उस समय एक ऑस्ट्रेलिया अखबार ने यह दावा किया था कि झड़प में 38 चीनी सैनिक गलवान नदी में बह गए थे। हालांकि इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। इस कारण दोनों देशों के बीच एलएसी पर तनाव बढ़ गया था।

गलवान संघर्ष के बाद, दोनों नेताओं के बीच केवल एक औपचारिक बैठक अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। इसके अलावा, नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक अनौपचारिक बातचीत भी हुई थी।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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