हाथरसः हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की अगुवाई में यह जांच की गई है। जांच रिपोर्ट में 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।

 एसआईटी की रिपोर्ट में क्या बात आई सामने?

एबीपी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एसआईटी रिपोर्ट में कुछ राजनीतिक नेताओं के नाम का जिक्र है, जिनके चुनाव में 'भोले बाबा' ने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा 'भोले बाबा' के अन्य संबंधों का भी जिक्र किया गया है।रिपोर्ट में राजनीतिक साजिश की ओर इशारा किया गया है। समागम में लोगों की संख्या का अंदाजा न लगा पाने के लिए कुछ स्थानीय नेताओं, सेवादारों, कार्यक्रम के आयोजकों और वहां तैनात अन्य अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।

मंगलवार को हुए इस हादसे में अबतक 123 लोगों की मौत हुई है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए थे और इसके लिए एक समिति का गठन किया था। एसआईटी में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और मंडलायुक्त चैत्रा वी को शामिल किया गया। उन्हें 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।

शासन को बुधवार तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सीएम योगी के घटनास्थल पर जाने और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के कारण निर्धारित समय पर रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी। इसके बाद, अधिकारियों ने शासन से अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन दिनों का अतिरिक्त समय मांगा था।

मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल और अन्य अधिकारियों को तैनात किया गया ताकि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा सके। अब जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शासन की ओर से आगामी दिनों में क्या कदम उठाए जाते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा साकार हरि का सत्संग आयोजित किया गया था। प्रशासन ने इस कार्यक्रम के लिए 80 हजार लोगों की मंजूरी दी थी, लेकिन इसमें ढाई लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हो गए। जब कार्यक्रम समाप्त हुआ और लोग बाहर निकलने लगे, तो भगदड़ मच गई। भगदड़ के असल कारण अभी तक सामने नहीं आ सके हैं और सभी अपनी-अपनी थ्योरी बना रहे हैं।

हाथरस हादसे की न्यायिक जांच के  भी आदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने घायलों से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने हाथरस हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। जांच के लिए  2 महीने का वक्त दिया गया है।

न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार (5 जुलाई) को लखनऊ में अपनी टीम के साथ पहली बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि "हमने अपनी रूपरेखा तय कर ली है कि हमें क्या करना है। समय कम है, इसलिए हमें तुरंत काम पर लग जाना है... हम बहुत जल्द वहां (हाथरस) जाएंगे..."

शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी घटनास्थल पर पहुंचे और भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने सरकार से पीड़ितों और मृतकों के परिजनों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि बढ़ाने की मांग की।

हाथरस भगदड़ मामले में 6 गिरफ्तार

अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शलभ माथुर ने गुरुवार को बताया कि हाथरस भगदड़ के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना में 123 लोगों की मौत हो गई थी। गिरफ्तार लोगों में 2 महिलाएं शामिल हैं। भगदड़ मचने के बाद ये लोग मौके से भाग गए थे। आईजी अलीगढ़ रेंज शलभ माथुर ने पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग सत्संग आयोजन समिति के सदस्य हैं। ये लोग सेवादार के रूप में काम करते हैं।

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भोले बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम, वांरट जारी

शलभ माथुर के मुताबिक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। साथ ही उसपर 1 लाख रुपए का इनाम रखा गया है। देव प्रकाश मधुकर को यूपी के एटा जिले के शीतलपुर ब्लॉक में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था। हादसे के बाद उसे नौकरी से हटा दिया गया है।

शीतलपुर के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर दिनेश शर्मा ने बताया कि आरोपी मधुकर 2010 से अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) पर 20 पंचायतों में मनरेगा कार्यों की देखरेख कर रहा था। मधुकर को शीतलपुर ब्लॉक में मनरेगा कार्यों के निरीक्षण के बाद बिल और वाउचर तैयार करने का काम करता था। उसकी पत्नी पंचायत सहायक हैं और दोनों हाथरस के सिकंदराराऊ कस्बे में रहते हैं।

भोले बाबा की कुंडली खंगाल रही यूपी पुलिस

शलभ माथुर ने कहा,  हम 'भोले बाबा' के आपराधिक इतिहास के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो अधिकारी 'भोले बाबा' से पूछताछ कर सकते हैं, जिनका नाम एफआईआर में नहीं है, लेकिन वे जांच के दायरे में हैं। पुलिस नारायण साकार हरि के इतिहास के बारे में जानकारी जुटा रही है।

गौरतलब है कि भोले बाबा की तलाश की जा रही है जो हादसे के बाद से फरार हैं। भोले बाबा के वकील ने एपी सिंह ने कहा, बाबा कहीं भागे नहीं हैं, वह जांच में सहयोग कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश में ही हैं। मेरे जरिए बाबा से अपना संदेश भेजा है और मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट की है।

बाबा की वकील ने पत्रकारों को बताया कि वह कहीं भागेंगे नहीं, पुलिस जब उन्हें बुलाएगी वह आ जाएंगे। एसपी सिंह ने कहा कि बाबा पेंशन के जरिए अपना जीवन यापन करते हैं। क्योंकि यहां लोगों से चंदा नहीं लिया जाता है। वकील एसपी सिंह ने यह भी कहा कि बाबा का कोई आश्रम नहीं है।

123 लोगों की मौत 

मंगलवार को हाथरस में हुए इस हादसे में कुल 123 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे में कुल 112 महिलाओं की मौत हुई है। इसके अलावा 2 पुरुष और 7 शामिल हैं। मृतकों में हाथरस के 19, आगरा के 18, मथुरा के 11, कासगंज के 10, एटा के 10 अलीगढ़ के 17, शाहजहांपुर के 5, बुलंदशहर के 5, पीलीभीत व संभल के 2-2 लोग शामिल हैं।