केरल सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य के तीन जिलों में वेस्ट नाइल बुखार के मामले सामने आए हैं। सरकार के अनुसार, त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड जैसे जिलों में इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
इस बुखार से सोमवार को एक शख्स की मौत हो गई थी। इस बीच छह और मामले सामने आए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने लोगों को परेशान नहीं होने की बात कही है। साथ ही अलर्ट रहने की भी हिदायत दी हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए मंत्री ने कहा है कि वायरस को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने मच्छरों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने और बुखार या वेस्ट नाइल संक्रमण जैसे अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराने की अपील की है।
ऐसे में क्या है यह वेस्ट नाइल वायरस और क्या हैंं इसके लक्षण, आइए जान लेते हैं। यही नहीं इससे बचने के लिए लोगों को क्या करना चाहिए, आइए वो भी समझते हैं।
क्या है वेस्ट नाइल वायरस और इसके लक्षण?
वेस्ट नाइल वायरस एक ऐसा वायरस है जो मच्छरों के काटने से फैलता है और फिर लोग बीमार हो जाते हैं। इससे पीड़ित लोगों में बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
आमतौर पर जो लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं उनमें से 80 फीसदी को पता भी नहीं चल पाता है कि वे इससे पीड़ित है। जानवरों और मनुष्यों को काटने पर यह फैलता है। जानकारों का कहना है कि यह लोगों और जानवरों के संपर्क में आने से नहीं फैलता है बल्कि संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।
क्या है इसका इलाज और कैसे करें खुद का बचाव
जानकारों का कहना है कि हालांकि इस वायरस के लिए अभी तक कोई भी टीका या दवा नहीं निकली है। लेकिन इससे संक्रमित लोगों को तुरंत डॉक्टर को दिखाने को कहा जाता है ताकि संक्रमण को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाया जा सके। इससे बचने के लिए लोगों को मच्छरदानी इस्तेमाल करने और मच्छर भगाने वाले क्रीम लगाने की सलाह दी जाती है।
यही नहीं अपने आसपास की जगह को साफ रखें और वहां पानी को जमा नहीं होने दें। बुखार, सिरदर्द या अन्य लक्षण महसूस होने पर उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की हिदायत दी जाती है।