कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में मंगलवार को वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुई हैं। यह स्थिति तब बनी जब भीड़ ने इलाके की एक मुख्य सड़क को जाम करने की कोशिश की और पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई वाहन फूंक दिए गए और भारी पथराव हुआ। प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है।
भाजपा का ममता सरकार पर हमला
हिंसा के बाद भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "मुर्शिदाबाद की सड़कों पर हिंसक भीड़ को काबू करने में पश्चिम बंगाल पुलिस नाकाम रही है। यह संभव है कि यह सब राज्य की गृहमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर हो रहा हो। उनके भड़काऊ बयानों ने इस अशांति को जन्म दिया है।"
The West Bengal Police is struggling to rein in the violent Islamist mob rampaging through the streets of Murshidabad—possibly under instructions from Home Minister Mamata Banerjee herself. Her inflammatory speeches have directly contributed to the current unrest.
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
As a so-called… pic.twitter.com/vKKVabeMnl
मालवीय ने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद के जंगीपुर क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं ताकि घटनाओं की जानकारी बाहर न जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में इसी इलाके में कार्तिक पूजा के दौरान हिंदू समुदाय पर हमले हुए थे, और अब फिर से स्थिति बिगड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया, "ममता बनर्जी का तुष्टिकरण आधारित राजनीति का तरीका बंगाल को खतरनाक दिशा में धकेल रहा है।"
मालवीय ने घटना से जुड़े कई वीडियो साझा करते हुए बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है। मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “पश्चिम बंगाल फिर से जल रहा है। वक्फ एक्ट के खिलाफ मुस्लिम समूह सड़कों पर उतर आए हैं, इस बार मुर्शिदाबाद में। ममता बनर्जी ने राज्य के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण खो दिया है। इन इलाकों में प्रशासन की पहुंच तक नहीं रह गई है। यह असामान्य जनसंख्या परिवर्तन और अवैध घुसपैठ का परिणाम है।”
उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने खुलेआम संविधान को न मानने की घोषणा की। एक वीडियो का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान नारे लगे: “সংবিধান মানছি না, মানবো না” (संविधान नहीं मानते और नहीं मानेंगे)।
Muslim mobs have taken to the streets of Murshidabad, openly calling for defiance of the Constitution in protest against the Waqf Act.
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
"সংবিধান মানছি না, মানবো না"
(I do not accept the Constitution, and I never will.)
West Bengal Home Minister Mamata Banerjee must either wake… pic.twitter.com/hMMEpSmdfu
मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी को अब या तो स्थिति संभालनी चाहिए या इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल पुलिस हिंसा पर काबू पाने में असमर्थ दिख रही है और इंटरनेट सेवा को जानबूझकर बाधित किया गया है ताकि जानकारी बाहर न आ सके।
'कुछ ही हफ्तों में चार बड़े सांप्रदायिक तनाव'
उन्होंने ममता बनर्जी पर 'तुष्टीकरण की राजनीति' का आरोप लगाते हुए लिखा, “पहले बेलडांगा, फिर मठाबाड़ी, उसके बाद नौदा और अब जंगीपुर- कुछ ही हफ्तों में चार बड़े सांप्रदायिक तनाव। यह वही इलाका है, जहां हाल में कार्तिक पूजा के दौरान हिंदू समुदाय पर हमले हुए थे। कई ट्रेनें रोकी गईं, तनाव चरम पर रहा।”
मालवीय ने चेतावनी दी कि “2026 में ममता बनर्जी की तुष्टीकरण की राजनीति का अंत होगा। बंगाल माफ नहीं करेगा, न बेलडांगा का खून, न नौदा की चुप्पी, न मठाबाड़ी की चीखें, और न जंगीपुर की तबाही। एक नया जागरण बंगाल में शुरू हो चुका है।”
फिलहाल प्रशासन की ओर से इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति को काबू में करने की कोशिश की जा रही है। कई स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद की गई हैं ताकि अफवाहें न फैलें।
वक्फ कानून को लेकर विवाद
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को संसद के दोनों सदनों ने पिछले हफ्ते लंबी बहस के बाद पारित किया था। शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया और मंगलवार (8 अप्रैल) से इसे आधिकारिक रूप से लागू कर दिया गया।
इस कानून को लेकर कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने चिंता जताई है। कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और हाशिए पर मौजूद तबकों के सशक्तिकरण के लिए जरूरी है।
सरकार ने SC में कैविएट आवेदन दायर किया
केंद्र सरकार ने मंगलवार सुप्रीम कोर्ट में कैविएट आवेदन दायर कर वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार का पक्ष सुनने का आग्रह किया है। बता दें कि किसी वादी द्वारा कैविएट आवेदन यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि बिना उसका पक्ष सुने उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए।