कोलकाता: पश्चिम बंगाल के जेल मंत्री अखिल गिरि का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें वह राज्य वन विभाग की एक महिला अधिकारी को धमकी देते हुए नजर आ रहे हैं।

वीडियो में गिरि को महिला अधिकारी को धमकाते और दुर्व्यवहार करते हुए देखा जा रहा है जिसके बाद उनका यह व्यवहार जांच के दायरे में हैं। यह घटना शनिवार को उस वक्त घटी है जब पूर्व मेदिनीपुर जिले के ताजपुर समुद्र तट के पास अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए वन अधिकारी वहां पहुंचे थे।

वीडियो में गिरि ने महिला अधिकारी को यह कहते हुए सुना गया है कि अगर वे अवैध अतिक्रमण हटाने के काम को जारी रखती हैं तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।

घटना के सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा ने इसकी आलोचना की है। उधर तृणमूल कांग्रेस द्वारा भी इस पर प्रतिक्रिया दी गई है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, कथित तौर पर तेज ज्वार के कारण पूर्व मेदिनीपुर जिले के ताजपुर समुद्र तट से सटे घर और दुकान जलमग्न हो गए थे। ऐसे में शनिवार को जब वन अधिकारियों ने घटनास्थल से अवैध अतिक्रमण को हटाने की कोशिश की थी तब स्थानीयों के साथ मंत्री अखिल गिरि ने इसका विरोध किया था।

इस दौरान गिरि ने महिला वन अधिकारी मोमिता साहू को धमकाया और मौखिक रूप से उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया है।

वीडियो में भाजपा ने दावा किया है कि गिरि को यह कहते हुए सुना गया है कि "तुम सरकारी कर्मचारी हो...बात करते हुए सर झुकार बोलो....अगर यह काम जारी रखती हो तो तुम देखना की एक हफ्ते के अंदर क्या होता है।... मैं इस बात का यकीन दिलाता हूं कि तुम वापस नहीं जा पाओगी।"

बता दें कि इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि राज्य के सड़कों और फूटपाथों से अवैध अतिक्रमण को हटाया जाना चाहिए जिसके बाद राज्य के हर जिले के अधिकारियों ने एक्शन भी लिया था।

वन अधिकारी ने क्या कहा

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वन की जमीन पर कई निर्माण अनियंत्रित हो गए थे और उन दुकानों व घरों के खिलाफ एक्शन लिया गया है जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है और तट के करीब पाए गए हैं। दूसरी ओर वन विभाग के एक्शन की आलोचना करते हुए गिरि ने यह कहा है कि इससे गरीब लोगों का जीवन प्रभावित होगा।

भाजपा ने क्या प्रतिक्रिया दी है

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस वीडियो को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर साझा करते हुए ममता बनर्जी को गिरि के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी है।

भाजपा ने सवाल करते हुए कहा है कि क्या गिरि को एक महिला के प्रति कथित धमकियां और दुर्व्यवहार के लिए उन्हें सजा दी जाएगी। पार्टी ने मांग की है कि गिरि द्वारा धमकी देने और एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए उन्हें जेल भेजना चाहिए।

टीएमसी ने दिया जवाब

मामले में टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने गिरि के इस कार्य की निंदा की है और कहा है कि पार्टी इस तरह के व्यवहार का समर्थन नहीं करती है। उन्होंने सुझाव दिया कि गिरि को महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने के बजाय बीरबाहा हांसदा के माध्यम से अपनी चिंताओं को संबोधित करना चाहिए था।

घोष ने यह भी आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

पहले भी विवादों में घिर चुके हैं गिरि

यह पहली बार नहीं है जब गिरि विवादों में घिरे हैं। इससे पहले भी गिरि के बयान के कारण उनकी काफी आलोचना हो चुकी है। साल 2022 में नंदीग्राम के एक रैली के दौरान गिरि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर एक नस्लवादी टिप्पणी की थी जिसके लिए उनकी खूब आलोचना भी हुई थी।

उस दौरान उन्होंने कहा था कि हम किसी के रूप को लेकर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं और हम राष्ट्रपति के पद का सम्मान करते हैं लेकिन हमारी राष्ट्रपति दिखने में कैसी हैं।