कोलकाता: ‘नबन्ना मार्च’ में शामिल छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में बीजेपी ने बुधवार को बंगाल बंद का आह्वान किया है। यह 12 घंटे का बंद है। हालांकि, इस दौरान जमकर बवाल हुआ और कई जगहों पर बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच भी तनाव बढ़ गया है।
दरअसल, भाजपा जहां बंगाल में बंद की अपील कर रही है, वहीं तृणमूल बंद का विरोध कर रही है और लोगों से दुकानें और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को शुरू करने की अपील कर रही है। इससे दोनों दलों में टकराव पैदा हो गया।
‘बम फेंके गए, गोली चलाई गई’
भाजपा नेता प्रियांगु पांडे ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया। उन्होंने दावा किया कि जब वह भाटपारा में कार में यात्रा कर रहे थे तो तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उन पर गोलियां चलाई और बम भी फेंके।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘आज मैं अपने नेता अर्जुन सिंह के आवास पर जा रहा था…हम कुछ दूर गए जहां भाटपारा नगर पालिका ने एक जेटिंग मशीन से सड़क अवरुद्ध कर दिया था। हमारी कार जैसे ही रुकी, लगभग 50-60 लोगों ने वाहन को निशाना बनाया। कम से कम 7-8 बम मेरी गाड़ी पर फेंके गए और फिर छह से सात राउंड फायरिंग की गई। यह तृणमूल और पुलिस की साजिश है।’ भाजपा ने दावा किया है कि प्रियांगु पांडे के ड्राइवर को चोट आई है।
#WATCH | West Bengal: BJP leader Priyangu Pandey claims people belonging to TMC attacked and fired on his car, earlier today, in Bhatpara of North 24 Parganas pic.twitter.com/hVKfsf9u7h
— ANI (@ANI) August 28, 2024
भाजपा के तीन नेता पुलिस हिरासत में
इस बीच राज्य में बंद को असरदार बनाने में जुटे बीजेपी के तीन प्रमुख नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसमें सौमिक भट्टाचार्य, राहुल सिन्हा और लॉकेट चटर्जी का नाम शामिल है। हिरासत में लिए जाने के बाद लॉकेट चटर्जी ने कहा, ‘इससे कुछ खास होने वाला नहीं है। वो लोग हमें जितना हिरासत में लेंगे, हम लोग इस बंद को इतना ही ज्यादा असरदार बनाएंगे।’
उन्होंने सड़कों पर मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘ये लोग जो आप सड़कों पर देख रहे हैं, ये कोई और नहीं, बल्कि लोगों का आक्रोश है। महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैये से बंगाल की जनता परेशान है।’
बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी टीएमसी पर प्रियांगु पांडे पर गोली चलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘टीएमसी अब गोलियों का सहारा लेकर हमें सड़कों से हटाने का प्रयास कर रही है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। हम ममता बनर्जी सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे।’
‘नबन्ना मार्च’ के दौरान भी हुआ था बवाल
आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले के विरोध में हजारों की संख्या में छात्रों ने मंगलवार को ‘नबन्ना मार्च’ निकाला था। इस दौरान पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ बीजेपी ने बुधवार को बंगाल बंद का ऐलान किया है। मंगलवार को छात्रों के मार्च के दौरान भी पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज सहित आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया था।
नबन्ना दरअसल कोलकाता में एक इमारत का नाम है। इसी इमारत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का ऑफिस है। साल 2013 में ममता बनर्जी ने सीएम ऑफिस को नबन्ना में शिफ्ट कर दिया था। इससे पहले सूबे के सीएम का ऑफिस राइटर्स बिल्डिंग में हुआ करता था।
प्रदर्शनकारी छात्र कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार-हत्या पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। दूसरी ओर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह भाजपा समर्थित विरोध प्रदर्शन था।
बताते चलें कि 9 अगस्त को 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ अस्पताल में बलात्कार और पिर उसकी बेरहमी से हत्या ने देश भर में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना के बाद से देश के कई हिस्सों में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए और लंबा विरोध प्रदर्शन चलता रहा। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर और मेडिकल छात्र पीड़िता के लिए न्याय और अस्पतालों में महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।