कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कथित अवैध संबंध के आरोपों पर सरेआम पिटाई के बाद एक महिला द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। घटना जलपाईगुड़ी के फूलबरी क्षेत्र का है। इससे पहले पश्चिम बंगाल में हाल में चोपड़ा और कूचबिहार में ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं। इन घटनाओं के बाद ममता बनर्जी सरकार विपक्ष के निशाने पर है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की घटना 29 जून को बोगराविटा पंचायत में हुई थी। इससे एक दिन पहले पड़ोसी उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा ब्लॉक में एक घटना हुई थी। इसी तरह के अवैध संबंधों आरोपों पर एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता द्वारा एक महिला और एक पुरुष को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे।

टीएमसी नेता ने बुलाई थी पंचायत!

महिला के पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने बताया कि स्थानीय महिलाओं के एक समूह ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उस पर अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया। सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्तालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच शुरू हो गई है। पूछताछ के लिए चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।

जानकारी के अनुसार, पीड़िता पिछले हफ्ते लापता हो गई थी। स्थानीय महिलाओं के एक समूह ने उसके चरित्र पर संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि वह एक स्थानीय युवक के साथ विवाहेत्तर संबंध के कारण घर छोड़कर चली गई थी।

पीड़िता के पति ने अपनी शिकायत में कहा कि सोमवार को जब वह घर लौटी तो स्थानीय महिलाओं के एक समूह ने पहले उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसकी बुरी तरह पिटाई की।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पति ने बताया,' जब वह वापस आई, तो मेरी पत्नी को पंचायत प्रमुख और टीएमसी नेता मालती रॉय और उनके पति शंकर रॉय ने बुलाया। जब हम वहां गए, तो उनके समर्थकों ने मुझ पर और मेरी पत्नी पर हमला करना शुरू कर दिया।'

हालांकि, मालती और शंकर रॉय ने किसी तरह के कंगारू कोर्ट बुलाने के आरोप से इनकार किया। शंकर रॉय ने कहा, 'उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज करानी थी लेकिन वे इसके बजाय पंचायत में आ गए। यह महिला पहले किसी अन्य युवक के साथ भाग गई थी। शायद इसी बात को लेकर उनके पड़ोसियों ने बुलाकर उसकी पिटाई कर दी। हम तो वहां मौजूद ही नहीं थे। जब मीटिंग चल रही थी तो मैं वहां पहुंचा और महिला ने कहा कि वह वॉशरूम जा रही है। थोड़ी देर बाद हमें पता चला कि उसने एसिड पी लिया है।'

'ममता बनर्जी को इस्तीफा देना चाहिए'

घटना पर भाजपा विधायक शिखा चटर्जी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार की आलोचना करते हुए कहा, 'उनके शासन के दौरान सबसे अधिक महिलाओं पर अत्याचार हुआ है। सीएम को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। किसी को इस तरह कंगारू कोर्ट में बुलाना और उसकी पिटाई करना एक जघन्य अपराध है।'

दूसरी ओर टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, 'ऐसी घटनाएं सामाजिक समस्याएं हैं। उनका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी घटनाओं को खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए।'

चोपड़ा मामले का आरोपी तेजमुल गिरफ्तार

चोपड़ा मामले में आरोपी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। फिलहाल वह पुलिस की हिरासत में है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। 30 जून को आरोपी तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता तेजमुल उर्फ जेसीबी को गिरफ्तार किया गया था।

विपक्षी नेताओं ने इस मामले में तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार पर तीखे हमले किए थे। माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया है पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को प्रताड़ित करना एक चलन बन गया है। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सदस्य और राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि चोपड़ा की पिटाई की घटना पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है।

(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)

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