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नई दिल्लीः वायनाड हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए बुधवार राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केरल सरकार को 23 जुलाई को पहले ही चेतावनी दी गई थी। मंगलवार को वायनाड जिले में भारी भूस्खलन के कारण कम से कम 175 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए।
शाह ने इस त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। वायनाड भूस्खलन पर शाह ने कहा कि हमने 23 जुलाई को ही एनडीआरएफ की 9 टीमें केरल भेज दी थी। लेकिन केरल सरकार ने चेतावनी को नजरअंदाज किया।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि हमारे पास बारिश, तूफान, हीटवेव, चक्रवात और बिजली के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम है, लेकिन ध्यान देना होता है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कुछ लोग हमारी वेबसाइट नहीं देखते, दूसरे देशों की वेबसाइट देखते हैं। इस पर राजनीति करना ठीक नहीं।
अपनी बात रखते हुए अमित शाह ने उड़िसा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इस देश में कई राज्य सरकारें ऐसी हैं, जिन्होंने इस प्रकार की वार्निंग का उपयोग करके 'शून्य हताहत आपदा प्रबंधन' किया है। ओडिशा में जब नवीन बाबू की सरकार थी, तो हमने सात दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, सिर्फ एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, वो भी गलती से। गुजरात सरकार को हमने तीन दिन पहले साइक्लोन का अलर्ट भेजा, एक पशु भी नहीं मरा।''
23, 24, 25 और 26 जुलाई को दी गई चेतावनी
अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने 2014 से अब तक शुरुआती चेतावनी प्रणाली के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केंद्र ने केरल सरकार को घटना से सात दिन पहले शुरुआती चेतावनी दी थी, और फिर 24 और 25 जुलाई को भी चेतावनी दी थी। 26 जुलाई को यह चेतावनी दी गई थी कि 20 सेमी से अधिक भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना है।
आपदा प्रबंधन विधेयक लाने की योजना बना रही सरकार
अमित शाह ने सदन को यह जानकारी भी दी कि केंद्र सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर एक विधेयक लाने जा रही है, जो इसी सत्र में लाया जा सकता है। सभी राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन का अभ्यास करना चाहिए। ये समय केरल की सरकार, केरल की जनता और विशेषकर वायनाड के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है और इसके लिए मोदी सरकार कटिबद्ध है। मैं इस सदन के माध्यम से केरल और वायनाड की जनता से कहना चाहता हूं कि भारत सरकार की ओर से हरसंभव मदद और हरसंभव प्रयास बचाने के लिए, रिलीफ के लिए और पुनर्वास के लिए किए जाएंगे।
केरल सरकार पर अमित शाह ने उठाए सवाल
अमित शाह ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि केरल सरकार ने क्या किया? वहां से लोगों को शिफ्ट क्यों नहीं किया गया, कौन रोक रहा था। नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, 2016 से अर्ली वार्निंग सिस्टम का प्रोजेक्ट चालू हुआ और 2023 तक दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम भारत में है। इसमें सात दिन पहले अनुमान देने वाले दुनिया में 4 ही देश हैं, जिनमें से एक भारत है।
बिहार के कई मजदूर लापता, खोज जारी
केरल के वायनाड में भूस्खलन होने से बिहार के कई मजदूर लापता हैं। ये सभी मजदूर बिहार के वैशाली जिले के गोरौल प्रखंड क्षेत्र स्थित पोझा गांव के बताए जा रहे हैं। यह सभी वायनाड मजदूरी करने गए थे। केरल सरकार ने कहा है कि हम रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं। सभी लोगों को बचाकर उन्हें अपने परिजनों को सौंपा जा रहा है। इसमें कई लोग अन्य राज्यों के भी हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। इनमें से कई लोग घायल भी हुए हैं, जिनका उपचार जारी है। ठीक होने के बाद इन्हें इनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
वायनाड हादसे से जुड़ी मुख्य बातेंः
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने 23 जुलाई को केरल सरकार को भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी थी।
- चेतावनियाँ 26 जुलाई तक जारी रही, जिसमें 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश की संभावना बताई गई, जिससे भूस्खलन और मिट्टी के बहाव का खतरा था।
- केरल मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया में कहा कि दोषारोपण का समय नहीं है और वायनाड के लिए कोई रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया था।
- भारतीय सेना ने 55,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला। NDRF, सेना, राज्य पुलिस, वन विभाग के अधिकारी और स्वयंसेवक बचाव कार्य में लगे हैं।
- मौसम विभाग ने वायनाड और अन्य जिलों में और बारिश की भविष्यवाणी की है।
- इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर, और कासरगोड़ के लिए अलर्ट जारी किए गए हैं।
- पठानमथिट्टा, अलप्पुझा, कुट्टायम और एर्नाकुलम में ऑरेंज अलर्ट है।
- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वायनाड का दौरा रद्द किया, मौसम की खराब स्थिति के कारण।
- विपक्षी INDIA ब्लॉक ने वायनाड की प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की।
- केंद्र सरकार एक आपदा प्रबंधन विधेयक लाने की योजना बना रही है, जो इसी सत्र में पेश किया जा सकता है।
- सभी राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन का अभ्यास करना चाहिए।
- वायनाड की आपदा में जान गंवाने वालों और घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना।
- मोदी सरकार केरल और वायनाड के लोगों के साथ पूरी तरह से खड़ी है।
- भारत सरकार हरसंभव मदद, राहत और पुनर्वास प्रयास करेगी।
- केरल के वायनाड में अत्यधिक बारिश और भूस्खलन के कारण भारी तबाही हुई है।
- कई स्थानों पर बाकी जगहों से संपर्क टूट गया है। ऐसे में तीन वेली पुलों के निर्माण के लिए आर्मी की मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप के कालम तैनात किए गए हैं।
- एनडीआरएफ की चार टीम, आर्मी के चार कालम, नेवी की एक टीम, तटरक्षक बलों की तीन यूनिट तैनात।
- अग्निशमन सेवाओं, राज्य पुलिस स्थानीय इमरजेंसी रिस्पांस टीम भी रेस्क्यू में लगी हैं।
- लगभग 1,200 कर्मी राहत और बचाव अभियान में 24 घंटे कार्य कर रहे हैं।
- राज्य सरकार को 145 करोड़ की राशि भी प्रदान कराई गई है।