नई दिल्ली: देश की राजधानी में जल संकट को लेकर भाजपा ने दिल्ली सरकार पर हमला किया है। दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा ने दिल्ली में मौजूदा जल संकट के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने सही तरीके से पानी का प्रंबधन नहीं किया है जिस कारण शहर में पानी की किल्लत हो रही है। दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली जल बोर्ड पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है।
सचदेवा के अनुसार, आम आदमी पार्टी की सरकार में दिल्ली में पानी को चोरी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि “दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी हो रही है। जल संकट के लिए दिल्ली जल बोर्ड, उसके अधिकारी, अध्यक्ष और दिल्ली सरकार जिम्मेदार हैं।”
शहर में जल संकट के मुद्दे पर आम आदमी के पार्टी ने हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है।
वीरेंद्र सचदेवा ने और क्या आरोप लगाए हैं
दिल्ली भाजपा प्रमुख ने ग्रीष्मकालीन कार्य योजना (समर एक्शन प्लान) के टाइमिंग पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि योजना को बहुत पहले शुरू कर देना चाहिए था न कि जब मीडिया में इस मुद्दे को उठाया जाए तो इस पर एक्शन लिया जाए।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि “ग्रीष्मकालीन कार्य योजना फरवरी या मार्च में बनाई जानी चाहिए न कि तब जब संकट मीडिया में आए। वर्तमान में दिल्ली पानी की एक बूंद के लिए भी संघर्ष कर रही है।”
सचदेवा ने यह भी आरोप लगाया है कि दिल्ली के नालों की भी सफाई नहीं हुई है जिस कारण आने वाले कुछ महीने में देश की राजधानी में बाढ़ की भी समस्या हो सकती है। उधर शहर में जल संकट की समस्या पर बोलते हुए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के हिस्से के पानी रोकने के लिए भाजपा शासित हरियाणा को दोषी ठहराया है।
जल संकट पर उपराज्यपाल ने क्या कहा
सोमवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली के मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि वे हरियाणा सरकार के साथ जल आपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
उपराज्यपाल ने दोनों मंत्रियों को दोषारोपण से बचने और साथ मिलकर समस्या को सुलझाने पर ध्यान देने की भी सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि हरियाणा द्वारा ज्यादा पानी देने के बावजूद भी दिल्ली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की कमी और अन्य कारणों के चलते यहां जल संकट की समस्या हो रही है।
निरीक्षण में टीम ने क्या पाया है
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ्तर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि सोमवार को दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने उनसे मुलाकात की थी जिसमें शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज भी शामिल थे।
इस बैठक में मुख्य सचिव और सीईओ (डीजेबी) भी उपस्थित थे। बैठक में उपराज्यपाल और मंत्रियों को सूचित किया गया कि 9 जून की शाम को एक टीम ने, जिसमें अपर यमुना नदी बोर्ड (यूवाईआरबी) के अधिकारी, जीएनसीटीडी और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, मुनक नहर के मुख्य स्थल पर पानी की आपूर्ति का निरीक्षण किया था।
टीम ने पाया कि हरियाणा से पानी की आपूर्ति पर्याप्त थी।
स्वीकृत मानदंडों से अधिक थी पानी की हानि
प्रेस रिलीज में बताया गया है कि निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, यह सूचित किया गया कि हरियाणा ने 9 जून को मुनक में 2,289 क्यूसेक पानी छोड़ा था और दिल्ली को आपूर्ति के लिए मुनक से काकोरी तक 1,050 क्यूसेक के कोटे के मुकाबले 1,161.084 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
हालांकि, दिल्ली के बवाना में मुनक नहर से प्राप्त पानी 960.78 क्यूसेक था, जो उस दिन 200 क्यूसेक यानी 18 प्रतिशत की हानि दर्शाता है। यह हानि स्वीकृत मानदंडों के अनुसार पांच प्रतिशत से कम होनी चाहिए।
सही रखरखाव नहीं होने के कारण होती है पानी की चोरी
उपराज्यपाल दफ्तर से जारी स्टेटमेंट में बताया गया है कि दिल्ली में रखरखाव नहीं होने के कारण बड़ी मात्रा में पानी खो जाता है और चोरी हो जाता है। यह रिसाव नहर की परत की मरम्मत नहीं होने और निरीक्षण के दौरान टैंकरों द्वारा अनाधिकृत रूप से पानी उठाने के कारण होता है।
उपराज्यपाल ने मंत्रियों के साथ तस्वीरें भी साझा की, जिसमें दिखाया गया कि मुनक नहर के साथ टैंकरों की लाइन लगी हुई थी जो अवैध रूप से पानी उठा रहे थे।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ