बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को एक और झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद वृषिण पटेल ने शनिवार को पार्टी छोड़ दी। उन्होंने पार्टी पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लिखे इस्तीफा पत्र में पटेल ने लिखा कि ”मैंने महसूस किया कि राजद को समर्पित कार्यकर्ताओं की कोई आवश्यकता नहीं है और ना ही दल को सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव में आस्था है। मैं बहुत दुखित मन से राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।”
2020 राजद में शामिल हुए थे वृषिण पटेल
वृषिण पटेल बिहार के वरिष्ठ राजनीतिज्ञों में से एक हैं और कुर्मी जाति के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले पटेल ने जीतन राम मांझी की ‘हम’ छोड़कर राजद का दामन थाम लिया था। लालू यादव ने उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया। वह बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं और पूर्व में सांसद भी रह चुके हैं।
वृषण पटेल ने 2019 में हम पार्टी छोड़ी थी। उन्होंने तब इस्तीफे का कारण पार्टी के पल-पल बदलते रुख बताया था। वृषिण ने कहा था कि समय-समय पर पार्टी के अंदर एक ही विषय पर विरोधाभासी बयान पार्टी की कमजोरी को दर्शाता है। हालांकि उसी वक्त हम नेता दानिश रिजवान ने वृषण पटेल पर पार्टी फंड से 12 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। वृषण ने आरोप को बेबुनियाद बताया था।
वैशाली से टिकट मांग रहे थे वृषिण पटेल?
बताया जा रहा है कि वृषिण की नाराजगी टिकट न मिलने को लेकर है। वे वैशाली से उम्मीदवारी मांग रहे थे। लेकिन राजद ने मुन्ना शुक्ला को प्रत्याशी घोषित कर दिया। वृषिण इस लिए दावेदारी कर रहे थे क्योंकि वह वैशाली से सांसद भी रह चुके हैं। वृषिण पटेल दलबदलू नेताओं को टिकट दिए जाने से भी नाराज हैं। उनका कहना है कि मुन्ना शुक्ला, अशोक महतो के परिवार, बीमा भारती और ऐसे ही लोगों को पार्टी तवज्जो दे रही है।
मुन्ना शुक्ला लालगंज से लड़े थे निर्दलीय विस चुनाव
वैशाली से राजद के टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे मुन्ना शुक्ला पिछले विधानसभा चुनाव में लालगंज से निर्दलीय चुनाव लड़े थे। मुंगेर से चुनावी मैदान में उतरीं अनीता देवी भी पहले राजद की सदस्य नहीं थीं। हाल में ही उन्होंने बाहुबली अशोक यादव से विवाह रचाया और राजद का टिकट हासिल कर लिया।
वृषिण से पहले अशफाक करीम ने छोड़ी थी राजद
गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को राजद के पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को पत्र लिखकर अल्पसंख्यकों को सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं देने का आरोप लगाया था। लेकिन पार्टी छोड़ने के पीछे की वजह टिकट न मिलना बताया जा रहा है। अहमद अशफाक करीम कटिहार से टिकट मांग रहे थे लेकिन यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है।