झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम में उग्रवादियों के खिलाफ ग्रामीणों ने उठाए हथियार, 10 दिनों में हुई 10 हत्याएं

पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने कहा कि कुछ लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है और शवों की बरामदगी के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

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Violent action by villagers against militants in Jharkhand West Singhbhum 10 killed till now

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

चाईबासा: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी, टेबो, गोईलकेरा, सोनुआ और आनंदपुर थाना क्षेत्र में उग्रवादियों, नक्सलियों और अवैध धंधेबाजों के खिलाफ ग्रामीणों के ‘आंदोलन’ ने बेहद आक्रामक रूप ले लिया है।

परंपरागत हथियारों से लैस हजारों ग्रामीण जंगलों-पहाड़ों से घिरे करीब 40 किलोमीटर में फैले इलाकों में घूम-घूमकर उग्रवादियों-नक्सलियों को पकड़ रहे हैं और जनअदालत लगाकर उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं।

पिछले दस दिनों के अंदर करीब 10 लोगों की हत्या कर दी गई है। पुलिस को कई लोगों की हत्या की सूचना तो है, लेकिन अब तक किसी का भी शव बरामद नहीं किया गया है।

शव बरामद होने पर आधिकारिक तौर पर कार्रवाई की जाएगी- झारखंड पुलिस

पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर का कहना है कि जंगल से घिरे इलाकों में कुछ लोगों के मारे जाने की सूचना है। शवों की बरामदगी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जब तक शव बरामद नहीं हो जाते, तब तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह सकते। ग्रामीणों से लगातार संवाद किया जा रहा है।

तीर-धनुष, लाठी, भाला, कुल्हाड़ी सहित कई परंपरागत हथियारों से लैस हजारों ग्रामीण इतने उग्र हैं कि इलाके में किसी भी बाहरी व्यक्ति के दाखिल होते ही उन्हें पकड़ लिया जा रहा है।

जिस किसी भी व्यक्ति की गतिविधि पर ग्रामीणों को तनिक भी संदेह हो रहा है, उसे सीधे मौत की सजा दी जा रही है। ग्रामीणों ने पूरे इलाके में अघोषित कर्फ्यू लागू कर रखा है। किसी को भी मोबाइल लेकर घूमने की इजाजत नहीं है।

खबर है कि बुधवार को चाईबासा के गोईलकेरा आए ओडिशा के दो युवकों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया। उनकी हत्या कर दिए जाने की आशंका जताई जा रही है। दोनों युवक मंगलवार को लापता हुए थे। बताया जा रहा है कि ओडिशा के रायरंगपुर निवासी शेख शाहिद अली और शेख नजीर अपने तीन अन्य साथियों के साथ चाईबासा के गोईलकेरा पहुंचे थे।

लापता होने वाले दो युवक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जिला के निवासी हैं

आशंका है कि ग्रामीणों ने मवेशी तस्कर समझकर दोनों की हत्या कर दी है। दोनों युवक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रायरंगपुर जिला स्थित पैतृक पंचायत के रहने वाले हैं। दोनों के परिजनों ने पत्र लिखकर मयूरभंज एसपी और चाईबासा एसपी को मामले की जानकारी दी है। परिजनों ने भी अनहोनी की आशंका जताई है।

इसके पहले प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के एरिया कमांडर मोटा टाइगर, उसके सहयोगी गोमिया सहित छह उग्रवादियों को ग्रामीणों द्वारा मौत के घाट उतार दिए जाने की सूचना मिली थी।

बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो भी जारी किया है

झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को ग्रामीणों की हिंसक कार्रवाई से जुड़ा एक बेहद सनसनीखेज वीडियो मिला है। उन्होंने इसका उल्लेख करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है, "झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी इलाके में हालात बेहद तनावपूर्ण और भयावह हो गए हैं। अफीम और गांजा की खेती तथा बालू खनन जैसे अवैध कार्यों को लेकर पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) और माओवादी गुटों के बीच गहरा संघर्ष जारी है। क्षेत्र में तनाव इतना बढ़ चुका है कि अब तक लगभग 22 लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है एवं 10 से अधिक लोगों की हत्या की जा चुकी है।"

मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता से हालात को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है।

बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ''हाल में एक ओडिशा निवासी की हत्या की घटना ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। इस नृशंस हत्या का वीडियो इतना भयावह है कि वो सोशल मीडिया पर साझा नहीं किया जा सकता, इसलिए मैं सिर्फ स्क्रीनशॉट साझा कर रहा हूं। यदि प्रशासन चाहे तो रूह कंपा देने वाला वीडियो मुझसे प्राप्त कर सकता है।''

भाजपा नेता ने कहा है कि इस प्रकार की स्थिति न केवल क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रही है, बल्कि स्थानीय समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा कर रही है। इस परिस्थिति में, यह बेहद आवश्यक है कि सरकार और प्रशासन इस क्षेत्र में तत्काल हस्तक्षेप करे।

(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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