परभणीः महाराष्ट्र के परभणी में बुधवार को बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के पास संविधान की प्रति तोड़े जाने के बाद हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों को आग लगा दी और कहा कि वे बाबा साहेब और भारतीय संविधान का अपमान नहीं सहन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने उन लोगों को कड़ी सजा देने की मांग की जिन्होंने अंबेडकर की प्रतिमा का अपमान किया। इस दौरान कई इलाकों में आगजनी और पथराव की घटनाएं हुईं, जिससे पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
परभणी में हिंसा के पीछे की क्या है वजह?
पीटीआई के अनुसार, मंगलवार को एक अज्ञात व्यक्ति ने परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के हाथ में पकड़े संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके बाद लोगों ने उसे बुरी तरह पीटा। परभणी के कलेक्टर रघुनाथ गावडे ने कहा कि घटना के तुरंत बाद वह स्थल पर पहुंचे और आरोपी सोपन दत्ताराव पवार को गिरफ्तार कर लिया।
घटना को लेकर मंगलवार शाम को ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। वहीं अंबेडकर के अनुयायियों ने बुधवार परभणी बंद का ऐलान किया था। उन्होंने विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोपी को फांसी देने की मांग की। इस दौरान पत्थरबाजी की घटना हुई जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की और इलाके में कई गाड़ियों में आग लगा दी। कलेक्टर रघुनाथ गावडे ने कहा, “हम स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं, लेकिन अगर इस घटना के पीछे कोई मास्टरमाइंड है तो उसे भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
आरोपी का नारकोटिक्स परीक्षण कराने और फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग
आनंदराज अंबेडकर के नेतृत्व वाली रिपब्लिकन सेना के उपाध्यक्ष विजय वाकोडे ने आरोपी का नारकोटिक्स परीक्षण करने की मांग की है और मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में करने का अनुरोध किया है। वाकोडे ने कहा, “पुलिस ने आरोपी सोपान पवार को मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति घोषित करके मामले को दबाने की कोशिश की। इससे समुदाय में गुस्सा फैल गया और कुछ लोगों ने इस अशांति का इस्तेमाल हिंसा फैलाने के लिए किया।”
उन्होंने कहा, “हमने लोगों से शहर में शांति बहाल करने की अपील की है। लेकिन पुलिस को आरोपी का नार्को टेस्ट करवाना चाहिए। चूंकि हमारे कार्यकर्ताओं ने उसे पकड़ लिया है और पुलिस स्टेशन ले गए हैं, इसलिए हमें लगता है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर नहीं है। किसी ने उसे अशांति फैलाने के लिए भेजा है। पुलिस को उन लोगों का नाम पता लगाना चाहिए। हमने उसे जांच के लिए पुलिस हिरासत में लेने की भी मांग की है, क्योंकि उसे सिविल अस्पताल भेजा गया है।”
उधर, वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने इस घटना की कड़ी निंदा की और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “परभणी में बाबा साहेब की मूर्ति के पास संविधान की प्रति को तोड़ने की घटना न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह दलित पहचान के प्रतीक को अपमानित करने की कोशिश है। अगर अगले 24 घंटों में सभी दोषी नहीं पकड़े गए, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। जय भीम!”
The vandalisation of the Constitution of India at Babasaheb’s statue by casteist Maratha miscreants in Parbhani is absolutely very shameful to say the least.
It is not the first time such a vandalism of Babasaheb’s statue or symbol of Dalit identity has happened.
VBA Parbhani…
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) December 11, 2024
इस बीच, एडवोकेट मंचकराव सोलंकी ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की अपील की और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
इंटरनेट बंद, धारा 163 लागू
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं और इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती की है। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और बीएनएसएस की धारा 163 लागू की गई है, ताकि स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके।