इंफालः मणिपुर के इंफाल-दीमापुर हाईवे (NH-2) पर शनिवार को फ्री मूवमेंट (निर्बाध आवाजाही) शुरू होते ही हिंसा भड़क उठी। कुकी- जो समुदाय और सुरक्षाबलों के बीच भीषण इस झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 27 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
मृतक की पहचान 30 वर्षीय लालगौथांग सिंगसिट के रूप में हुई है। झड़प के दौरान लालगौथांग को गोली लगी, जिसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
यह हिंसा उस समय भड़की जब स्थानीय लोगों ने गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश को मानने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने मणिपुर में सभी सड़कों पर निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। कुकी-मैतेई बहुल इलाकों- इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर की सड़कों पर जैसे ही बसें चलनी शुरू हुईं, कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
सड़क जाम, बसों में आग और सुरक्षाबलों पर हमला
प्रदर्शनकारियों ने इंफाल-दीमापुर हाईवे (NH-2) को ब्लॉक करने के लिए सड़कों पर पत्थर बिछा दिए, पेड़ काटकर गिरा दिए और कई जगह गाड़ियां खड़ी कर रास्ता रोक दिया।
हिंसा को देखते हुए कांगपोकपी जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों और निजी वाहनों में आग लगा दी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और सुरक्षाबलों के हथियार छीनने की कोशिश की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति में सरकारी बसों को CRPF और स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में चलाया गया। राज्य सरकार ने ‘रेड जोन’ घोषित इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए हैं।
हिंसा के पीछे क्या है वजह?
गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात की समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उन्होंने 8 मार्च से राज्य में सभी सड़कों पर निर्बाध यातायात सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।
साथ ही उन्होंने सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद सरकार सरकारी बसों के जरिए लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रही थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसका विरोध किया।
मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि 12 मार्च से इंफाल-चुराचांदपुर के बीच हेलिकॉप्टर सेवाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक आवागमन में बाधा डालने के किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रपति शासन के बाद भी जारी है अशांति
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से लूटे गए हथियार सरेंडर करने को कहा था, जिसके बाद अब तक 500 से ज्यादा हथियार सरकार को सौंपे जा चुके हैं।
मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष और हिंसा ने पिछले एक साल से राज्य को अशांत कर रखा है। केंद्र सरकार हालात को काबू में लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन स्थानीय समुदायों के बीच अविश्वास और राजनीतिक अस्थिरता के कारण अब भी शांति बहाल नहीं हो पाई है।