नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव विनोद तावड़े ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को ‘कैश फॉर वोट’ के आरोप लगाने के लिए कानूनी नोटिस भेजा। तावड़े ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों स्पष्ट रूप से खारिज किया है। तावड़े ने कहा कि वह इन आरोपों से ‘गंभीर रूप से आहत’ हैं और कांग्रेस ने उन्हें और भाजपा को बदनाम करने के लिए ‘जानबूझकर मीडिया और लोगों के सामने झूठ बोला।’
तावड़े ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर, 19 नवंबर को, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया ने कहा कि विनोद तावड़े को मतदाताओं को 5 करोड़ रुपये बांटते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। वे बस मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम करना चाहते थे।’
कांग्रेस का एक ही काम है झूठ फैलाना!
नालासोपारा वाले झूठे मामले में मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गाँधी और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को मानहानि का नोटिस भेजा है, क्योंकि उन्होंने इस मामले में झूठ फैलाकर मेरी और भारतीय जनता पार्टी की छवि को नुकसान… pic.twitter.com/ZO75yKSx8m
— Vinod Tawde (@TawdeVinod) November 22, 2024
लीगल नोटिस में क्या कहा गया है?
विनोद तावड़े के वकील द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं को ‘नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर विनोद तावड़े से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए’, और माफीनामे को कम से कम तीन अंग्रेजी और तीन क्षेत्रीय भाषा के समाचार पत्रों और एक्स पर प्रकाशित करवाना चाहिए। नोटिस में आगे कहा गया है कि यदि कांग्रेस नेता इसका पालन करने में विफल रहते हैं तो 100 करोड़ रुपये का आपराधिक मामला और कार्यवाही शुरू की जाएगी।
बीजेपी महासचिव ने तावड़े ने मामले पर समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘मैं गंभीर रूप से आहत हूं। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं, पिछले 40 सालों से मैं राजनीति में हूं लेकिन मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेता मुझे, पार्टी को बदनाम करना चाहते थे। और उन्होंने जानबूझकर मीडिया और लोगों से झूठ बोला है, इसलिए मैंने उन्हें अदालती नोटिस जारी किया है कि वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगें या कार्रवाई का सामना करें।’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मतदान से एक दिन पहले मंगलवार को विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने विनोद तावड़े द्वारा कथित तौर पर मतदाताओं को पैसे बांटने के विवाद को लेकर भाजपा पर हमला बोला था।
राहुल गांधी, खड़गे ने क्या कहा था?
कांग्रेस के राहुल गांधी ने एक्स पर कहा था, ‘मोदी जी, ये 5 करोड़ रुपये किसकी तिजोरी से आए हैं? जनता का पैसा किसने लूटा और आपको टेम्पो में भेजा?’
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि कथित वोट के बदले नकद मामला भाजपा का ‘नोट जिहाद’ है। एनसीपी (SP) की सुप्रिया सुले ने भी आश्चर्य जताया कि नोटबंदी के बाद इतनी नकदी कहां से आई।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया था, ‘पीएम मोदी ‘धन बल’ और ‘बाहुबल’ से महाराष्ट्र को ‘सुरक्षित’ बनाना चाहते हैं। एक तरफ राज्य के पूर्व गृह मंत्री (अनिल देशमुख) पर जानलेवा हमला हो रहा है, दूसरी तरफ बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता को 5 करोड़ रुपये कैश के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया है. जनता इसका जवाब वोट से देगी कल।’
कैश फॉर वोट के आरोप: क्या हुआ था मतदान से एक दिन पहले?
दरअसल, 20 नवंबर को मतदान से एक दिन पहले, बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि तावड़े और अन्य भाजपा कार्यकर्ता वसई-विरार के एक होटल में पैसे बांट रहे हैं। BVA कार्यकर्ताओं ने तावड़े का घेराव कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था।
उस घटनाक्रम के कुछ वीडियो भी सामने आए थे जिसमें कथित तौर पर BVA कार्यकर्ताओं को चिल्लाते और 500 रुपये के नोट लहराते हुए देखा जा सकता है। हालांकि BVA सीधे तौर पर आरोपों की पुष्टि नहीं कर सकी थी। हालांकि, भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई थी। वहीं, आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए तावड़े ने अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में कहा था, ‘होटल के कमरे में सीसीटीवी कैमरे हैं। मैं बस पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने आया था।’
उन्होंने आगे कहा था, ‘चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कमरे की वीडियोग्राफी की। 40 वर्षों से, मैं राजनीति में हूं और कभी पैसे नहीं बांटा।’