श्रीनगर: पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन सामने आया है। पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी ने कड़े एक्शन का वादा किया था। इसके बाद से सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा अभियान छेड़ दिया है। इस दौरान त्राल में जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकी आसिफ के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि उसके घर में विस्फोटकों का जखीरा था, जिसमें धमाका हुआ। इसके अलावा एक आतंकी आदिल के घर पर भी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुलडोजर से कार्रवाई की और उसे ध्वस्त कर दिया। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद आतंकियों का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे सुरक्षा बलों को चुनौती देते नजर आ रहे हैं।

वीडियो में दोनों आए थे नजर

सुरक्षाबलों ने त्राल में जिन आतंकियों पर एक्शन लिया है। वे दोनों आतंकी लश्कर ए तैयबा से जुड़े हैं। बीते 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले से जुड़े वीडियो में दोनों नजर आए थे। आसिफ और आदिल सहित हमले में शामिल अन्य आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकियों तक पहुंचने के लिए अब तक 2000 लोगों से पूछताछ की है। इसके साथ ही काफी लोगों को हिरासत में भी लिया है। पहलगाम आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई थी। इसमें अनंतनाग के रहने वाले आदिल शाह को छोड़कर सभी 25 हिंदू थे। गुरुवार को ज्यादातर मृतको को अंतिम विदाई दी गई थी।

पहलगाम की बैसरन वैली में धर्म पूछकर गोली मारने वाले आतंकियों के खात्मे के लिए जहां एनआईए जांच में जुटी है तो वहीं भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ दूसरी सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों की खोजबीन में लगी हुई हैं। ऐसा माना जा रहा है पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सभी दहशतगर्द अभी आसपास के क्षेत्र में छिपे हुए हैं।

पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। 

TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी

हमले में करीब 14 लोग घायल हुए हैं। तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।