जम्मू में भारी बारिश से तबाही, वैष्णो देवी भूस्खलन में अब तक 32 लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते वैष्णो देवी माता मंदिर मार्ग पर भूस्खलन से अब तक 32 लोग मारे गए हैं। इससे पहले किश्तवाड़ और कठुआ जिले में भी ऐसी ही घटनाओं में 136 लोग मारे गए हैं।

VIASHNO DEVI LANDSLIDE DEATH TOLL RISES TO 32 as HEAVY RAIN in jammu and kashmir

वैष्णो देवी मंदिर मार्ग में भूस्खलन से अब तक 32 लोगों की मौत Photograph: (आईएएनएस)

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में भीषण बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से हर तरफ तबाही का मंजर देखा जा रहा है। वैष्णो देवी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित वैष्णो देवी माता मंदिर के मार्ग पर 26 अगस्त को भूस्खलन की घटना हुई थी।

हिंदुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि जम्मू में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कम से कम 20 लोग घायल हैं। 26 अगस्त को यात्रा के दौरान जब पहाड़ की ढलान ढह गई और पहाड़ी से पत्थर, चट्टानें नीचे गिरने लगीं और तीर्थयात्री गिरने लगे। इसके बाद यात्रा को स्थगित कर दिया गया।

भूस्खलन की घटना तीर्थयात्रा के मार्ग के लगभग मध्य में हुई। कटरा से वैष्णो देवी माता मंदिर का रास्ता लगभग 12 किमी है जो कि घुमावदार है।

वैष्णो देवी माता मंदिर तक जाने के लिए दो रास्ते हैं जिसमें हिमकोटि ट्रेक मार्ग को सुबह ही बंद कर दिया गया था। जबकि दूसरा मार्ग दोपहर एक बजे के बाद तक खुला था। हालांकि, लगातार हो रही बारिश के चलते अधिकारियों ने यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

भूस्खलन में करीब 32 लोगों की जान चली गई, ऐसे में जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि भारी बारिश के चलते बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन जैसी घटनाओं की संभावना जताई गई थी लेकिन फिर भी प्रशासन ने पुराने मार्ग से यात्रा स्थगित नहीं की थी। जबकि बीते 12 दिनों में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़, कठुआ और रियासी जिलों में 136 लोगों ने जान गंवाई है। जान गंवाने वालों ने 129 तीर्थयात्री थे।

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब मौसम विभाग नियमित तौर पर हर घंटे मौसम के पूर्वानुमान को लेकर चेतावनी जारी कर रहा था, प्रशासन ने मचैल माता यात्रा और वैष्णो देवी यात्रा को स्थगित नहीं किया। उन्होंने इसे प्रशासन की 'आपराधिक लापरवाही' बताया।

उपविभागीय मजिस्ट्रेटों और मंदिर बोर्ड को ठहराया जिम्मेदार

उन्होंने आगे कहा कि जब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में प्रशासन ने खराब मौसम पूर्वानुमान के चलते अमरनाथ यात्रा को स्थगित करने में तत्परता दिखाई तो किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा और वैष्णो देवी तीर्थयात्रा पर रोक न लगाकर असंवेदनशीलता दिखाई है। उन्होंने इसमें श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की असंवेदनशीलता का भी जिक्र किया।

उन्होंने इन घटनाओं में मारे गए लोगों के लिए उपविभागीय मजिस्ट्रेटों और मंदिर बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया।

किश्तवाड़ जिले में कम से कम 65 तीर्थयात्री मारे गए और 14 अगस्त से 32 लोग लापता हैं। 17 अगस्त को कठुआ जिले में बादल फटने से कम से कम सात लोग मारे गए थे, इनमें पांच बच्चे भी शामिल थे। 

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article