कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को आगामी 48वें अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देने के लिए पब्लिशर्स एंड बुकशेलर्स गिल्ड (Publishers & Booksellers Guild) को फटकार लगाई। एशिया के सबसे बड़े साहित्यिक आयोजन में से एक कोलकाता का यह पुस्तक मेला 28 जनवरी से 9 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है।

मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस अमृता सिन्हा ने कहा कि विहिप को मेले में बुक स्टॉल लगाने के लिए जगह दी जानी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने सवाल किया कि मेले के आयोजक पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड ने इस साल ऐसा क्यों नहीं किया।

बता दें कि विहिप ने पुस्तक मेले में बुक स्टॉल लगाने के लिए आयोजक से अनुमति मांगी थी। हालांकि, संगठन को अनुमति नहीं मिली। गिल्ड ने दावा किया कि इस साल नियमों में बदलाव किया गया है और विहिप ने बदले हए नियम के तहत प्रक्रियाओं का ठीक से पालन नहीं किया है।

गिल्ड की दलील- 'संवेदनशील' पुस्तकें प्रकाशित करता है विहिप

गिल्ड के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि विहिप 'संवेदनशील' पुस्तकें प्रकाशित करती है और संगठन के पास कोई पब्लिशिंग हाउस भी नहीं है। वहीं, विहिप के वकील ने कोर्ट में कहा कि विश्व हिंदू बार्ता उनका संगठन है और वह 2011 से पुस्तक मेले में अपना स्टॉल लगाता आ रहा है।

ऐसे में सुनवाई के दौरान जस्टिस सिन्हा ने गिल्ड से पूछा, 'पिछले कुछ सालों से उस संगठन को अनुमति दी जा रही है, अब क्यों नहीं दी जाएगी? उन्होंने हमें पहले क्यों नहीं बताया कि उन्होंने कौन सी संवेदनशील किताबें प्रकाशित की हैं? इतने लंबे समय तक उन्होंने संवेदनशील पुस्तकें प्रकाशित नहीं की, और अब वे अचानक संवेदनशील पुस्तकें प्रकाशित करने लगे हैं?'

नियम बदलने के तर्क पर कोर्ट ने क्या कहा?

गिल्ड के वकील ने कहा कि इस साल पुस्तक मेले में कुछ नियम बदले गए हैं, इसलिए इजाजत नहीं दी गई। इस पर जस्टिस सिन्हा ने किया, 'आपके पास कोई वैधानिक नियम नहीं है, जो नियम बदल गए हैं। आपने इतने वर्षों तक अनुमति क्यों दी? आप अपने मन मुताबिक नियम बना रहे हैं।'

इसके बाद कोर्ट ने गिल्ड को विहिप को मेले में बुक स्टॉल लगाने के लिए जगह उपलब्ध कराने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने 20 जनवरी (सोमवार) को अगली सुनवाई में इस पर अपडेट देने को भी कहा।