वाराणसी: घरेलू उपभोक्ता को मिला 3.88 लाख का प्रीपेड बिजली मीटर बिल

उपभोक्ता द्वारा बिजली विभाग में शिकायत करने के बाद अधिशासी अभियंता ने बिल सही करने का निर्देश दिया लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ और नया बिल भी आ गया जिसमें बकाया राशि पहले से चार गुना हो गयी।

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वाराणसीः यहां नेवादा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रीपेड मीटर होने के बावजूद एक उपभोक्ता को ₹3,88,119 का भारी-भरकम बिजली बिल थमा दिया गया।

स्थानीय निवासी श्रीमती प्रिया सिंह ने जब यह बिल देखा, तो वह हैरान रह गईं, क्योंकि प्रीपेड सिस्टम में उपभोग से पहले ही भुगतान किया जाता है। 

क्‍या है पूरा मामला 

बिजली वितरण कंपनी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PUVNL) उपभोक्‍ता प्रिया सिंह को 28 जुलाई 2022 को ₹91,040 का बिजली बिल भुगतान का गलत नोटिस जारी किया था, जबकि बिजली प्रीपेड सिस्‍टम के जरिए उपयोग कर रहीं थी। उस समय सीधे वसूली के लिए नोटिस मिला था। मामले की जानकारी संबंधित अधिकारी को देने के बाद जांच में सामने आया कि HCL सिस्टम की तकनीकी गड़बड़ी के कारण बार-बार उपभोक्ताओं को गलत बकाया दिखाया जा रहा है और उन्हें गलत नोटिस भेजे जा रहे हैं। 

मामले को अधिशासी अभियंता, मड़ौली, वाराणसी के संज्ञान में लाए जाने के बाद उन्होंने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), वाराणसी को पत्र लिख नोटिस (आरसी) को वापस लेने का निर्देश दिया था। 

varanasi news, electricity bill,अधिशासी अभियंता आशीष कुमार सिंह ने पत्र में लिखा कि प्रिया सिंह, पत्नी विजेंद्र प्रताप सिंह के विद्युत संयोजन संख्या 0899133066 के विरुद्ध इस कार्यालय द्वारा आरसी संख्या-761 एवं पत्रांक 9468/दिनांक 28.07.2022 के तहत धारा-5 के अंतर्गत ₹91,040.00 की बकाया राशि का नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, यह संयोजन प्री-पेड श्रेणी का है, जिसमें उपभोक्ता द्वारा विद्युत उपयोग से पूर्व ही रिचार्ज के माध्यम से भुगतान किया जाता है। किंतु HCL सिस्टम में तकनीकी त्रुटि के कारण गलत बिलिंग हुई, जिसके परिणामस्वरूप अनुचित रूप से अधिक बकाया राशि प्रदर्शित हुई और आरसी निर्गत कर दी गई। अतः इस त्रुटि को ध्यान में रखते हुए संबंधित आरसी को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की कृपा करें। 

कागज पर संबंधित अधिकारी के निर्देश को अमल में लाया गया लेकिन सिस्‍टम में वह ठीक नहीं हो पाया। इसका परिणाम यह हुआ कि प्रीपेड मीटर होने के बावजूद बिजली का बिल अब बढ़कर  ₹3,88,119 हो गया। इस मामले को फिर से संबंधित अधिकारी के संज्ञान में ला दिया गया है। मामला अभी भी लंबित है।

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