वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन, एक श्रद्धालु की मौत, 10 घायल, यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई

भूस्खलन सुबह लगभग 8:30 बजे ‘गुलशन का लंगर’ के पास हुआ, जो यात्रा मार्ग का शुरुआती हिस्सा है और जहां ज्यादातर टट्टू सवार श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए पंजीकरण कराते हैं। यह स्थान बाणगंगा के निकट है।

vaishno devi marg

Photograph: (X)

कटरा/जम्मू: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा के पुराने मार्ग पर सोमवार सुबह एक बड़ा भूस्खलन हो गया। इस हादसे में एक श्रद्धालु की मौत हो गई जबकि 10 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के चलते यह भूस्खलन हुआ, जिससे ‘गुलशन का लंगर’ के पास बुकिंग ऑफिस और उसके ऊपर बना लोहे का ढांचा ध्वस्त हो गया।

भूस्खलन सुबह लगभग 8:30 बजे ‘गुलशन का लंगर’ के पास हुआ, जो यात्रा मार्ग का शुरुआती हिस्सा है और जहां ज्यादातर टट्टू सवार श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए पंजीकरण कराते हैं। यह स्थान बाणगंगा के निकट है। सावधानी के तौर पर मंदिर की यात्रा को दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दिया गया है। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट जम्मू सचिन कुमार वैश्य स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्यों की निगरानी की।

कई श्रद्धालु घायल

घायलों में चेन्नई निवासी 70 वर्षीय उप्पन, उनकी 66 वर्षीय पत्नी के. राधा और हरियाणा निवासी 70 वर्षीय राजिंदर भल्ला शामिल हैं, जिन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं उत्तर प्रदेश की 56 वर्षीय लीला रायकवार को कटरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है। महाराष्ट्र निवासी 66 वर्षीय सुरेश कुमार, स्थानीय निवासी 26 वर्षीय निखिल ठाकुर और विक्की शर्मा को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इनमें से एक गंभीर रूप से घायल श्रद्धालु ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और घायलों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे हालात की लगातार निगरानी कर रहे हैं। उधर, सेना की व्हाइट नाइट कोर की टुकड़ी ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मौके पर जेसीबी मशीनें भी भेजी गईं ताकि मलबा हटाया जा सके और घायल लोगों को जल्दी अस्पताल पहुंचाया जा सके।

'...तो हादसा और भी बड़ा हो सकता था'

भूस्खलन को लेकर बीजेपी विधायक बलदेव राज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, "यह कोई सामान्य हादसा नहीं है। जैसे देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, वैसे ही यह घटना भी उसी प्राकृतिक आपदा का हिस्सा है। अगर यह शेड (छतरी ढांचा) यहां मौजूद न होता, तो हादसा और भी बड़ा हो सकता था।"

उन्होंने बताया कि, "सबसे पहले बचाव कार्य यहां मौजूद घोड़े-खच्चर चलाने वालों ने शुरू किया। उसके बाद पुलिस और माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई।" विधायक ने आगे जानकारी दी कि "फिलहाल केवल 1-2 घायल श्रद्धालुओं की हालत गंभीर है। यात्रियों की सुविधा के लिए श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्ग भी खोल दिया है, जिससे दर्शन सुचारु रूप से जारी रह सकें।"

घटना के चश्मदीद स्थानीय निवासी निखिल ठाकुर ने बताया कि वह बुकिंग ऑफिस के अंदर थे जब लोहे की छत पर पत्थर गिरने लगे। उन्होंने तुरंत अन्य लोगों को सतर्क किया और सभी वहां से बाहर भागे। भारी बारिश के कारण मौके पर श्रद्धालुओं और टट्टू सवारों की संख्या पहले ही कम थी।

मौसम विभाग के अनुसार, कटरा में बीते 24 घंटे में सुबह 8:30 बजे तक 184.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। रविवार रात को हिमकोटी के पास नए यात्रा मार्ग पर भी भूस्खलन हुआ था, जिसे बहाल करने के प्रयास अब भी जारी हैं।

सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कटरा क्षेत्र में भूस्खलन के बाद व्हाइट नाइट कोर की टुकड़ियों को तत्काल राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया। सेना स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है। सेना ने अपने आधिकारिक पोस्ट में कहा कि हम सेवा करते हैं, हम सुरक्षा करते हैं।

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