उत्तराखंडः भारी बारिश के चलते स्कूल बंद, नैनीताल, देहरादून समेत कई जिलों में 12 अगस्त तक रेड अलर्ट

उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के चलते कई जिलों में 12 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बचाव कार्य का जायजा लिया।

UTTRAKHAND school closed due to heavy rain nainital dehradun and other districts on red alert by 12 august

उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते स्कूल बंद करने के निर्देश Photograph: (आईएएनएस)

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून के कहर के बीच कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी है। मौसम विभाग ने पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल के लिए 12 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया है। इस बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू टीम से मुलाकात कर जरूरी निर्देश दिए। 

साथ ही परिस्थिति को देखते हुए स्कूल बंद कर दिए गए हैं और लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी गई है। पिछले सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण व्यापक तबाही हुई है, जिसमें उत्तरकाशी में दो और पौड़ी गढ़वाल में एक बादल फटने की घटना शामिल है। उत्तरकाशी के हर्षिल के पास धराली क्षेत्र में एक पूरा गांव बह गया। कई निवासी लापता बताए जा रहे हैं और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान जारी है।

पुष्कर सिंह धामी ने क्या पोस्ट किया?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट कर जानकारी दी कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीम के साथ स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। उन्होंने लिखा- "आज (7 अगस्त) प्रातः काल उत्तरकाशी में एनडीआरएफ, यूकेएसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही आज सुबह से प्रभावित क्षेत्रों में शुरू हुए हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्हें सड़क, संचार और बिजली की शीघ्र बहाली के साथ-साथ पेयजल व खाद्यान्न आपूर्ति की सघन निगरानी एवं त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।"

सीएम ने रेस्क्यू टीम की प्रशंसा करते हुए लिखा, " रेस्क्यू ऑपरेशन में 24 घंटे जुटी सभी टीमों के साहस और समर्पण की सराहना करता हूं। विषम परिस्थितियों में भी इन दलों की निष्ठा और कार्यकुशलता आपदा प्रबंधन में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।"

जवानों को बचाने में कर रहे प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना

भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के जवान फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए प्रतिकूल मौसम से जूझ रहे हैं। दुर्गम भूभाग और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के बावजूद, बचाव और राहत दल सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ और थलीसैंण ब्लॉकों में बुधवार को बादल फटने से कई लोगों की जान चली गई और घरों, सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने इसकी पुष्टि की।

पौड़ी के ज़िला मजिस्ट्रेट ने पुष्टि की कि आपदा के बाद से प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। इस बीच, चमोली जिले में तपोवन से आगे सलधार के पास, लगातार बारिश के कारण राजमार्ग का लगभग 20 मीटर हिस्सा बह गया है। क्षेत्र में संपर्क बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य चल रहा है। राज्य के लगभग हर जिले में लगातार बारिश से हुई तबाही का आकलन किया जा रहा है। और अधिक नुकसान को कम करने और मानसून के प्रकोप से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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