उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट Photograph: (आईएएनएस)
देहरादूनः उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त को 3 जगहों पर बादल फटने की घटना हुई, जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त है। बादल फटने की घटनाओं में 4 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग लापता हैं। वहीं, 6 अगस्त को पूरे उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। उत्तरकाशी जिले में युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस, भारतीय सेना और आईटीबीपी की टुकड़ियां राहत और बचाव कार्य में युद्ध स्तर पर लगी हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बादल फटने से तेज बहाव में कई घर, होम स्टे और होटल बह गए। वहीं, सेना के 9 जवान भी लापता हैं। ऐसे में 10 मुख्य प्वाइंट्स में जानेंगे कि उत्तरकाशी में क्या हुआ?
5 अगस्त से अब तक क्या-क्या हुआ?
1.खीर गंगा नदी के आसपास के क्षेत्र में बादल फटने के बाद आपदा आई, जिसमें पानी का तेज बहाव, मलबा और कीचड़ पहाड़ियों से बहकर निचले इलाकों में आया। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग धराली और आसपास के क्षेत्र में मलबे में दब गए।
2. होटलों, होमस्टे और पूरे इलाके में पानी का तेज बहाव देखा जा रहा है। इससे धराली गांव का लगभग आधा हिस्सा मलबे और कीचड़ में दब गया। अधिकारियों ने बताया कि विनाश की एक नई लहर सुखी टॉप की ओर बढ़ रही है। यह गांव पहाड़ी के दूसरी तरफ स्थित है।
3. राहत और बचाव कार्य की टीमें खतरनाक इलाकों और अवरुद्ध सड़कों से होते हुए प्रभावित इलाकों तक पहुंची। खराब मौसम के कारण बचाव अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ और हेलिकॉप्टरों को उड़ान भरनी पड़ी। इसके अलावा महत्वपूर्ण मार्गों तक पहुंच को सीमित किया गया।
4. मौसम विभाग ने 6 अगस्त के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है। हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर के लिए रेड अलर्ट तो वहीं अन्य क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
5. मौसम विभाग द्वारा खराब मौसम की चेतावनी के चलते कई जिलों में स्कूल बंद करने के आदेश दिए गए हैं। देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।
6. सीएम पुष्कर सिंह धामी आंध्र प्रदेश के दौरे पर थे, वह अपना दौरा छोड़कर वापस उत्तराखंड पहुंचे हैं और एक आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाई। समीक्षा बैठक में उन्होंने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सामान पहुंचाने की भी बात कही।
7. भारी बारिश और भूस्खलन के चलते उत्तराखंड की 163 सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हुई हैं। इनमें 5 राष्ट्रीय राजमार्ग, सात राज्य के हाईवे और 2 बॉर्डर सड़कें हैं। ऐसे में राजधानी से करीब 140 किमी दूर प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सुविधाएं और राहत कार्य पहुंचाने में बाधा हो रही है।
8. आपदा के बाद एनडीआरएफ की टीम ने बचाव के लिए मृतकों की तलाश के लिए शवों की पहचान करने वाले कुत्तों को अपनी टीम में शामिल करने का फैसला किया है। इन्हें दिल्ली से हवाई मार्ग के जरिए ले जाया जाएगा।
9. राज्य में एनडीआरएफ की 3 टीमें पहले से ही राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं और 2 टीमें देहरादून एयरपोर्ट पर इंतजार कर रही हैं। प्रत्येक टीम में 35 लोग हैं।
10. भारी बारिश के चलते राज्यभर में नदियां उफान पर हैं और रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा नदी खतरे के निशान के करीब बहर रही है। इसके चलते सुरक्षा कारणों से केदारनाथ धाम यात्रा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।