धराली में मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए आधुनिक उपकरणों, डॉग स्क्वाड और ड्रोन की मदद ली जा रही है।
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली इलाके में 5 अगस्त को बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के बाद से राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीमें मलबे में दबे भवनों में फंसे और लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने ग्राउंड जीरो पर पहुँचकर राहत कार्यों का जायजा लिया।
राहत और बचाव कार्यों में तेजी
उत्तराखंड पुलिस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जारी एक पोस्ट में बताया कि धराली में मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए आधुनिक उपकरणों, डॉग स्क्वाड और ड्रोन की मदद ली जा रही है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) द्वारा धराली मार्ग से मलबा हटाया जा रहा है ताकि आपदा प्रभावित क्षेत्र तक पहुँच और राहत कार्यों को और तेज किया जा सके।
अब तक, कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा चुका है। शनिवार शाम 4 बजे तक, कुल 286 लोगों को आईटीबीपी मातली, 153 को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी और 10 को देहरादून रेस्क्यू कर लाया गया। इसके अलावा, सुबह 8 बजे तक 52 लोगों को आईटीबीपी मातली में शिफ्ट किया गया था। इस आपदा के बाद भी, लगभग 50 नागरिक, आठ जवान और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
सीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव का दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार शनिवार को सीधे धराली पहुँचे। रक्षाबंधन के दिन ग्राउंड जीरो पर उनकी मौजूदगी ने जवानों और आपदा पीड़ितों का हौसला बढ़ाया। यहाँ चिकित्साकर्मियों और स्थानीय महिलाओं ने उन्हें राखी बाँधकर अपना स्नेह और विश्वास जताया। डॉ. कुमार ने उन्हें आश्वासन दिया, "स्वास्थ्य विभाग आपके साथ खड़ा है। जरूरत पड़ने पर हम चौबीसों घंटे यहाँ रहेंगे।"
उन्होंने राहत शिविरों में स्वास्थ्य सेवाओं का बारीकी से निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने चिन्यालीसौड़ और मातली स्थित आईटीबीपी शिविरों का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने यात्रियों और आपदा प्रभावित लोगों से बातचीत की। स्वास्थ्य सचिव ने एसडीआरएफ जवानों के साथ भोजन किया और उनकी सेवा भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस क्षेत्र के लिए एक दीर्घकालिक स्वास्थ्य योजना तैयार की जाएगी।
पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य टीमें सक्रिय
स्वास्थ्य विभाग ने चिन्यालीसौड़ से धराली तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के नेतृत्व में कई टीमें तैनात की हैं, जो 24 घंटे लोगों के स्वास्थ्य की जाँच, उपचार और सहायता में जुटी हैं। जिला चिकित्सालय में भी स्वास्थ्य सचिव ने घायल मरीजों का हालचाल लिया और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। फिलहाल, सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान भी फंसे हुए लोगों को भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय प्रदान कर रहे हैं।