देहरादून: बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कंपनी के सहायक प्रबंधक सहित तीन लोगों को सजा सुनाई है।
इन लोगों पर जुर्माना भी लगाया गया है। दरअसल, पतंजलि के सोन पापड़ी को लेकर शिकायत मिली थी। उसके सैंपल को टेस्ट कराया गया तो मिठाई की क्वालिटी सही नहीं निकली।
इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रॉडक्ट्स के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। ऐसे में एक हाई लेवल कमिटी के शुरुआती रिपोर्ट पर सरकार ने इस बैन पर अंतरिम स्टे लगा दिया है। सरकार ने पतंजलि के श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी जैसे अन्य प्रॉडक्ट्स पर बैन लगाया था।
क्या है पूरा मामला
साल 2019 में फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर ने पिथौरागढ़ के बेरीनाग के लीला धर पाठक की दुकान का दौरा किया था। यहां से सैंपल लेने के बाद कानाहा जी डिस्ट्रीब्यूटर और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस दिया गया था।
इसके बाद मई 2019 में सैंपल का फोरेंसिक टेस्ट किया गया था। टेस्ट का रिजल्ट दिसंबर 2020 में आया जिसमें मिठाई की क्वालिटी सही नहीं पाई गई थी। इसके बाद कारोबारी लीला धर पाठक, डिस्ट्रीब्यूटर अजय जोशी और पतंजलि के सहायक प्रबंधक अभिषेक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तीनों को छह महीने की सजा सुनाई है। यही नहीं कोर्ट ने पाठक पर पांच हजार, जोशी पर 10 हजार और अभिषेक कुमार पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
मामले में फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर ने कहा कि कोर्ट ने सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया है, जिसमें मिठाई की गुणवत्ता खराब पाई गई है।
भारत में सोन पापड़ी का बाजार
बाजार में कई ब्रॉन्ड के सोन पापड़ी पाए जाते हैं। इनमें हल्दीराम, बीकाजी और आनंद स्वीट्स की सोन पापड़ी काफी प्रसिद्ध है। पतंजलि सोन पापड़ी भी धीरे-धीरे बाजार में पकड़ बना रही है और इसका भी खूब डिमांड बढ़ रहा है।
ये सोन पापड़ी ऑफलाइन किसी दुकान या फिर मॉल के अलावा ऑनलाइन भी पाई जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साल 2017 में सोन पापड़ी का बाजार 73 मिलियन डॉलर का था जिसके साल 2023 तक 149 मिलियन डॉलर पहुंचने अनुमान लगाया गया था।