देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन की चपेट में आए 14 औऱ मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। मालूम हो कि इस हादसे में कुल 55 मजदूर बर्फ में लापता हो गए थे। जिसके बाद इनमें से 47 मजदूरों का रेस्क्यू किया जा चुका है। लेकिन अभी भी आठ मजदूर बर्फ में फंसे हुए हैं। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है और बचे हुए मजदूरों की तलाश की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि बचावकर्मियों ने उत्तराखंड के चमोली जिले के ऊंचाई वाले माना गांव में बीआरओ शिविर पर जमी बर्फ से 14 और मजदूरों को बाहर निकाला है। बता दें कि शनिवार को हिमस्खलन स्थल पर तलाशी अभियान फिर से शुरू किया गया। आठ मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं।

सीएम धामी ने कहा- पीएम मोदी ने दिया हर संभव मदद देने का आश्वासन

वहीं, स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार शाम को आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और अधिकारियों को बचाव कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।  मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी भी दी।

साथ ही पीएम मोदी द्वारा राज्य को हर संभव मदद दिए जाने के आश्वासन के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री ने पोस्ट में लिखा, "प्रातःकाल मैंने माणा के निकट हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के बचाव अभियान की विस्तृत जानकारी ली। जिन श्रमिकों को कल बाहर निकाला गया था, उनमें से गंभीर रूप से घायल श्रमिकों को हायर सेंटर भेजने के लिए एयरलिफ्ट करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया है। मैं स्वयं भी चमोली के लिए रवाना हो रहा हूं। मौसम साफ होते ही राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाएगी। प्रभु बदरी विशाल की कृपा और बचावकर्मियों के अथक परिश्रम से हम सभी फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं।"

एक अन्य पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री जी ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया।"

24 घंटे से ज्यादा समय से फंसे मजदूर

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि माना में तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, बचाव दल ने 14 और मजदूरों को बर्फ से बाहर निकाला, जबकि शेष आठ की तलाश जारी है, जो 24 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं। चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को गंभीर हालत में बचाए गए तीन मजदूरों को माना स्थित आईटीबीपी अस्पताल में उपचार के लिए एयरलिफ्ट किया गया, जिन्हें ज्योतिर्मठ सेना अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि साफ मौसम के कारण बचाव अभियान में तेजी आएगी।"

मजदूरों के परिवारों के लिए हेल्पलाइन शुरू

माणा में चल रहे एवलांच रेस्क्यू ऑपरेशन में जोशीमठ बेस कैंप से हेली रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। अब तक दो निजी हेलीकॉप्टरों को बद्रीनाथ धाम की ओर भेजा गया है। सड़क मार्ग पर लामबगड़ से आगे भारी हिमपात की सूचना मिलने के बाद हेली रेस्क्यू ऑपरेशन पर पूरा ध्यान केंद्रित किया गया है। राज्य सरकार ने फंसे हुए मजदूरों के परिवारों के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की है, जो विभिन्न राज्यों से आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जाएं।"

बता दें कि आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं। पहले खबर आई थी कि 57 मजदूर फंसे हैं, लेकिन बाद में पता चला कि उनमें से दो मजदूर छुट्टी पर थे, इस प्रकार कुल 55 मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आए थे। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों के रहने वाले हैं, हालांकि 10 मजदूरों के गृह राज्य की जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है।