तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल! आंध्र प्रदेश के सीएम ने पिछली सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं?

कांग्रेस के तरफ से वाईएस शर्मिला ने अपना पक्ष रखा है और इसके लिए टीडीपी और वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा है। उन्होंने इन आरोपों को लेकर सीबीआई जांच कराने की मांग की है।

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Use of animal fat in Tirupati temple's laddu What allegations Andhra Pradesh CM Chandrababu Naidu made against previous govt

प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर (फोटो- IANS)

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चढ़ने वाले लड्डू को लेकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है।

सीएम नायडू ने दावा किया है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के शासन के दौरान प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने की रिपोर्ट सामने आई है। चंद्रबाबू नायडू का आरोप है कि उस दौरान बनाए जाने वाले लड्डू में जो घी इस्तेमाल होती थी उसमें जानवारों के चर्बी की पुष्टि हुई है।

एक लैब टेस्ट के नतीजे सामने आने के बाद सीएम ने वाईएसआरसीपी पर यह आरोप लगाया है। मामले में सीएम नायडू समेत तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अन्य नेताओं ने भी वाईएसआरसीपी को घेरा है।

कांग्रेस ने भी सीएम नायडू के दावे पर सवाल उठाया है और इसकी सीबीआई जांच की भी मांग की है। हालांकि वाईएसआरसीपी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है। पार्टी ने कहा है कि चंद्रबाबू नायडू केवल राजनीतिक लाभ के लिए उन पर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासन में इस्तेमाल किए जाने वाले लड्डू का लैब टेस्ट हुआ है। यह टेस्ट गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के पशुधन और खाद्य (सीएएलएफ) प्रयोगशाला में हुआ है।

इस टेस्ट की रिपोर्ट 17 जुलाई को सामने है जिसमें यह पता चला है कि इसमें जानवारों की चर्बी पाई गई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी में मछली के तेल, गोमांस की चर्बी और तेल और अन्य जानवरों की चर्बी पाई गई है।

चंद्रबाबू नायडू ने क्या आरोप लगाया है

बुधवार को अमरावती में विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए लैब के इन रिपोर्ट पर चंद्रबाबू नायडू ने वाईएसआरसीपी और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की जमकर आलोचना की है।

सीएम नायडू ने इस पर अपनी नाराजगी जताते हुए वाईएसआरसीपी पर लड्डू को बनाने में घटिया चीजें इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने लाखों भक्तों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।

बैठक में अपनी सरकार की तारीफ करते हुए नायडू ने कहा है कि मंदिर के प्रसाद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी और अन्य चीजों में उसकी क्वालिटी में सुधार किया गया है। सीएम नायडू के बेटे और राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी पिछले प्रशासन की आलोचना करते हुए घटना को शर्मनाक बताया है।

टीडीपी के सदस्य और केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने भी इसकी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि इसकी सही से जांच होगी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

वाईएसआरसीपी ने आरोपों को किया है खारिज

मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने अपने पर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। वाईएसआरसीपी नेता वाईवी सुब्बा रेड्डी ने सीएम नायडू के बयानों को लेकर उन्हें चुनौती भी दी है।

वाईवी सुब्बा रेड्डी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और आरोपों का खंडन करने के लिए बतौर गवाह शपथ भी लेने की बात कही है।

कांग्रेस ने क्या कहा है

कांग्रेस के तरफ से वाईएस शर्मिला ने अपना पक्ष रखा है और इसके लिए टीडीपी और वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा है। उन्होंने इन आरोपों को लेकर सीबीआई जांच कराने की मांग की है। बता दें कि शर्मिला राज्य इकाई की प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं।

वाईएस शर्मिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''चंद्रबाबू नायडू की यह टिप्पणी कि उन्होंने सीएम के रूप में लड्डू प्रसादम में घी के बजाय पशु तेल का इस्तेमाल किया, तिरुमाला की पवित्रता और प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है। करोड़ों हिंदुओं के आराध्य देव वेंकटेश को कलंकित किया है।"

शर्मिला ने आगे लिखा है,  "हम सीएम चंद्रबाबू नायडू से मांग करते हैं। यदि आपके आरोपों में कोई राजनीतिक आयाम नहीं है, यदि भावनाओं का राजनीतिकरण करने का आपका कोई इरादा नहीं है, तुरंत एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करें। या फिर सीबीआई से जांच कराएं।"

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