पूजा खेडकर पर UPSC का एक्शन, सेलेक्शन कैंसिल अब नहीं रहेंगी IAS, आगे परीक्षा देने पर भी रोक

प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच पर बोलते हुए यूपीएससी ने कहा है कि उसको हर साल उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का न तो अधिकार है और न ही उसके पास इसके लिए कोई साधन है।

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controversial IAS Pooja Khedkar field training banned order report to Mussoorie Academy after being removed from field posting

ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: विवादों में रहने वाली आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी-UPSC) ने कड़ा एक्शन लिया है। संघ ने बुधवार को बयान जारी कर पूजा के भविष्य में किसी भी परीक्षा या फिर चयन में शामिल होने पर रोक लगा दी है। यूपीएससी के इस फैसले के बाद अब पूजा आईएएस नहीं रहेंगी।

यूपीएससी ने बयान जारी कर कहा है कि संघ ने पाया है कि पूजा ने नौकरी पाने के लिए CSE-2022 नियमों का उल्लंघन किया है। बता दें कि धोखाधड़ी और जालसाजी की आरोपी पूजा की दिल्ली की कोर्ट ने आज सुवाई हुई है। हालांकि कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है और इस मामले में अदालत कल फैसला सुनाएगा।

संघ ने क्या कहा

पूजा खेडकर मामले में संघ ने कहा है कि उसने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अंतरिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। इसके साथ ही उन्हें भविष्य में होने वाली परीक्षाओं से भी प्रतिबंधित कर दिया गया।

यूपीएससी ने 15 साल के आंकड़ों की समीक्षा की और पाया कि पूजा खेडकर के मामले को छोड़कर, कोई अन्य उम्मीदवार नियमों के अनुसार अधिक अटेम्प्ट नहीं कर रहा था। यूपीएससी अपनी मानक संचालन प्रक्रिया को मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि भविष्य में ऐसा मामला न हो।

यूपीएससी ने पूजा पर कब की है कार्रवाई

यूपीएससी की ओर से यह कार्रवाई तब की गई है जब जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि पूजा खेडकर ने परीक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए अपनी पहचान बदलकर अधिक अटेम्प्ट दिए थे।

इस संबंध में उन्हें 18 जुलाई को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने और समय मांगा था, लेकिन निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब नहीं दिया।

यूपीएससी की ओर से उन्हें कहा गया कि यदि तय समय तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यूपीएससी आगे की कार्रवाई करेगा। दिए गए समय में विस्तार के बावजूद, पूजा निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने में विफल रहीं।

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प्रमाणपत्र पर संघ ने क्या कहा

यूपीएससी ने बताया कि जहां तक झूठे प्रमाणपत्र जमा करने की शिकायतों का सवाल है, तो यूपीएससी यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह प्रमाणपत्रों की केवल प्रारंभिक जांच करता है, जैसे कि क्या प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, जिस वर्ष का प्रमाणपत्र संबंधित है, प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख, क्या प्रमाणपत्र पर कोई ओवरराइटिंग है, प्रमाणपत्र का प्रारूप आदि।

आम तौर पर, यदि प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, तो उसे असली माना जाता है।

प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच का नहीं है संघ को अधिकार

यूपीएससी ने बताया कि उसको हर साल उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का न तो अधिकार है और न ही साधन। हालांकि, यह समझा जाता है कि प्रमाण पत्रों की वास्तविकता की जांच और सत्यापन इस कार्य के लिए नियुक्त अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट गई थी पूजा

संघ की नौकरी पाने के लिए पूजा पर फर्जीवाड़े का आरोप है। यूपीएससी की शिकायत के बाद पुलिस ने पूजा के खिलाफ कार्रवाई की थी। पूजा के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया था।

उस पर संघ की परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने दस्तावेजों में नाम, तस्वीर, ईमेल और एड्रेस को गलत तरीके से पेश करने का भी आरोप है।

पूजा पर है यह आरोप

यूपीएससी ने अपनी जांच में यह पाया है कि पूजा ने अपने नाम, पिता और माता का नाम, तस्वीर या हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता के नाम को बदलकर गलत तरीके से संघ की परीक्षा में शामिल हुई थी।

यही नहीं पूजा पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से अधिक बार एग्जाम में शामिल होने का भी आरोप है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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