डिजिटल हाजिरी को लेकर यूपी सरकार और शिक्षक आमने-सामने, कुछ छूट देने के बावजूद भी अपनी मांग पर अड़े हैं टीचर

टीचरों द्वारा किए जा रहे विरोध को देखते हुए सरकार ने उन्हें अटेंडेंस में छूट भी देने की बात कही है।

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UP government teachers face to face regarding primary school new digital attendance system despite some relaxation teachers adamant on their demand

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हजारों सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक नई डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम (डिजिटल हाजिरी) का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने हाल में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए एक नया अटेंडेंस सिस्टम चालू किया है।

इसके तहत टीचरों को अपनी कक्षा शुरू करने से 15 मिनट पहले अपने स्थान सहित अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। नए सिस्टम के तहत, शिक्षकों को सुबह 7:30 बजे तक अपने स्कूलों में पहुंचना होगा और फिर 7:45 से 8 बजे के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

शिक्षकों का विरोध सोशल मीडिया तक पहुंच गया है और इसे जुड़ा हैश टैग #boycottonlineattendance बहुत ट्रेंड कर रहा है। इस हैश टैग से अभी तक पांच लाख से भी ज्यादा पोस्ट किया जा चुका है।

हालांकि टीचरों द्वारा किए जा रहे विरोध का अभी तक बच्चों के पढ़ाई पर असर नहीं पड़ा है लेकिन यह मामला अब तूल जरूर पकड़ रहा है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सपा ने इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ देने की बात कही है।

शिक्षकों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे

राज्य द्वारा हाल में लागू किए गए नए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम के विरोध में भारी संख्या में टीचर विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे टीचरों का तर्क है कि इस तरह के नियम केवल शिक्षकों के लिए ही नहीं बल्कि राज्य के सभी सरकारी विभागों पर लागू होना चाहिए। उनका कहना है कि गांव में खराब इंटरनेट के कारण वे सही से अपना अटेंडेंस नहीं दे पाएंगे।

उनका यह भी तर्क है कि बरसात के मौसम में जलभराव और ट्रैफिक जाम के कारण समय पर स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, इस हालत में सही समय में अटेंडेंस देना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।

उनकी यह भी मांग है कि अन्य राज्य कर्मचारियों के समान उन्हें भी प्रति वर्ष 30 दिन की छुट्टी मिलनी चाहिए। यही नहीं उनका यह भी कहना है कि उन्हें हाफ डे अवकाश (हाफ डे लीव) और प्रतिकर अवकाश (कंपेसटरी लीव) भी मिलनी चाहिए।

नए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम पर आसमने सामने है शिक्षक और सरकार

राज्य के कई कई शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार का यह आदेश अव्यावहारिक है। उन्होंने तर्क दिया है कि अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर दिन समय पर स्कूल पहुंचना काफी कठिन है। ऐसे में उन्होंने इस मुद्दे को उजागर करने के लिए जिला मुख्यालय पर मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा है।

एक तरफ जहां राज्य के शिक्षक नए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम का विरोध कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार इसे लागू करने पर अड़ी है। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है वे इस मुद्दे पर शिक्षकों से चर्चा कर आम सहमति बनाएं।

सीएम ने अधिकारियों को कहा है कि वे शिक्षकों को इसके फायदे के बारे में बताएं और यह भी समझाएं कि कैसे इसके जरिए उनका मैन्युअल काम कम हो जाएगा और इससे उनके समय की भी बचत होगी।

विरोध पर सरकार ने क्या कहा है

राज्य भर में टीचरों के चल रहे विरोध को देखते हुए सरकार ने अटेंडेंस में उन्हें भी छूट देने की बात कही है। राज्य बेसिक शिक्षा विभाग ने कहा है कि जो टीचर अपना अटेंडेंस देरी में लगाना चाहते हैं वे कारण बताकर 30 मिनट बाद भी अपना अटेंडेंस दे सकते हैं।

अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के सिस्टम से राज्य में टीचरों द्वारा स्कूल नहीं जाने और क्लास में उनकी अनुपस्थिति को कम करने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य छात्रों के लिए शैक्षिक वातावरण और सीखने के परिणामों में सुधार करना है।

यही नहीं सरकार द्वारा ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम को लेकर आगे भी विचार करने की बात कही गई है और कहा गया है कि इसमें आगे और भी छूट देने पर विचार किया जा रहा है। विभाग द्वारा टीचरों को आश्वासन दिलाने के बावजूद उनका विरोध जारी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में लगभग 609 हजार सरकारी प्राथमिक शिक्षक हैं।

विपक्ष ने क्या कहा है

इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी राज्य के टीचरों का साथ दिया है और उनके मुद्दे को उठाने की बात कही है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ने ही शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया है और वादा किया है कि वे इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे।

उधर विभाग और राज्य सरकार अपने नए सिस्टम पर कायम है जिससे इस मुद्दे के जारी रहने की संभावना बढ़ जाती है।

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