यूपी के 500 गांव जलमग्न, सैकड़ों मकान डूबे; बाढ़ में फंसे लोगों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू

बरेली में लगभग छह मकान बारिश की वजह से जमींदोज हो गए हैं। इसके साथ ही बहेड़ी के 32 गांव, फरीदपुर के 26 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं, नवाबगंज के 24 गांव, मीरगंज के 12 गांव में बाढ़ का पानी घुस आया है। बरेली में बाढ़ से नवाबगंज और भुता के कई गांव जलमग्न हैं।

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500 villages of UP submerged, hundreds of houses submerged in Uttar Pradesh, rescue of people trapped in flood by helicopter

यूपी के 500 गांव जलमग्न, सैकड़ों मकान डूबे; बाढ़ में फंसे लोगों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू। IANS

लखनऊः उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते कई जिलों में नदियां उफान पर हैं। लखनऊ, गोंडा, लखीमपुर, बरेली, बस्ती में लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके अलावा बहराइच, श्रावस्ती और पीलीभीत भी बाढ़ की चपेट में है।

घाघरा नदी खतरे के निशान से 38 सेंटीमीटर ऊपर बह रही

बताया जा रहा है कि गोंडा में घाघरा नदी खतरे के निशान से 38 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। नवाबगंज क्षेत्र में पानी भरना शुरू हो गया है। इसके अलावा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए ढ़ेमवा घाट रोड पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। तरबगंज इलाके के अइली में कई जगहों पर कटान हुआ है।

वहीं,  लखीमपुर के पलिया में बाढ़ के पानी से लोगों में दहशत का माहौल है। पलिया हाईवे पर बाढ़ का पानी आने से हाईवे को बंद किया गया है। इसके साथ ही मैलानी-पलिया रेलवे ट्रैक तेज बहाव में कट गया है। उधर, बरेली में नदियों के उफान पर होने से 94 गांव में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।

बाढ़ की चपेट में बहेड़ी, फरीदपुर, नवाबगंज, मीरगंज के गांव

बता दें कि बरेली में लगभग छह मकान बारिश की वजह से जमींदोज हो गए हैं। इसके साथ ही बहेड़ी के 32 गांव, फरीदपुर के 26 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं, नवाबगंज के 24 गांव, मीरगंज के 12 गांव में बाढ़ का पानी घुस आया है। बरेली में बाढ़ से नवाबगंज और भुता के कई गांव जलमग्न हैं।

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सरयू नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि

उधर, बस्ती में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। बस्ती जिले के विक्रमजोत में एक दर्जन गावों में सरयू का पानी घुस आया है। ऐसा ही हाल श्रावस्ती का भी है, श्रावस्ती के जमुनहा, इकौना क्षेत्र में लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इकौना के कई मार्ग जलमग्न हैं और माधवपुर घाट मार्ग भी पूरी तरह से कट गया है।

बहराइच में भी सरयू नदी ने खतरे के लाल निशान को पार कर लिया है। मिहींपुरवा, मल्हीपुर-भिनगा मार्ग पर बाढ़ का पानी पहुंच गया है। पीलीभीत जिले के तराई इलाकों में भी बाढ़ का कहर देखने को मिला है। यहां शारदा नदी का पानी 200 गांवों में घुस गया है। पूरनपुर में 30 गांव जलमग्न हैं। लोग छतों पर राज गुजारने को मजबूर हैं।

बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू

इसके अलावा पानी में 500 से अधिक लोग फंसे हुए हैं, जबकि 250 लोगों को एनडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बाढ़ में फंसे 500 लोगों को सोमवार रात हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू किया गया। इसके साथ ही बलरामपुर में राप्ती नदी के पानी से 150 गांवों की करीब 2 लाख आबादी प्रभावित है।

कहां से आया इतना पानी?

दरअसल नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मानसूनी बारिश और नेपाल के नारायणी नदी में पानी छोड़े जाने से भारत के तराई इलाके में बाढ़ आ गई है। नेपाल ने 8 जुलाई को नदी में 4 लाख 41 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे नारायणी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया । इस कारण सोहगीबरवा समेत कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया। वहीं सैकड़ों एकड़ फसल भी जलमग्न हो गई।

आईएएनएस इनपुट के साथ

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