न्यूयॉर्क: भारत अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ओर से द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पर प्रतिबंध लगाने के एक कदम और करीब पहुँच गया है। यूएनएससी की निगरानी समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में टीआरएफ का आधिकारिक रूप से उल्लेख किया है। यह रिपोर्ट यूएनएससी की प्रतिबंध समिति द्वारा मामले पर विचार किए जाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
इस रिपोर्ट के अनुसार टीआरएफ ने दो बार पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी और 'हमले वाली जगह की तस्वीर भी प्रकाशित की थी।' रिपोर्ट में समिति ने उन दावों का भी हवाला दिया है जिनमें कहा गया है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की मदद के बगैर संभव नहीं हो सकता था।
टीआरएफ के खिलाफ भारत के प्रयासों को मिली सफलता!
भारत ने इस साल की शुरुआत में अप्रैल और मई में समिति को टीआरएफ के बढ़ते प्रभाव और लश्कर-ए-तैयबा की मदद से उसके संचालन की जानकारी दी थी। 2019 के बाद यह पहली बार है कि लश्कर या पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों का इस तरह की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।
रिपोर्ट में एक व्यापक चेतावनी भी जारी की गई है कि 'आतंकवादी समूह क्षेत्रीय तनाव का फायदा उठा सकते हैं।' साथ ही कहा गया है कि आतंकवाद-रोधी उपायों की तत्काल आवश्यकता है।
यह मामला अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति देखेगी। यहां भारत को उम्मीद है कि टीआरएफ के खिलाफ औपचारिक प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया जाएगा। टीआरएफ भारत में जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में कई हमलों में शामिल रहा है। ऐसे में अगर यूएनएससी की ओर से टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो यह वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी।
UNSC रिपोर्ट से पाकिस्तान की खुली पोल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निगरानी टीम (एमटी) की रिपोर्ट में टीआरएफ के नाम को शामिल करना एक बड़ी उपलब्धि है। खासकर इसलिए क्योंकि एमटी रिपोर्ट सहित '1267 प्रतिबंध समिति' के सभी निर्णय सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बीच आम सहमति से लिए जाते हैं।
यह रिपोर्ट पाकिस्तान द्वारा हाल ही में टीआरएफ से दूरी बनाने के प्रयासों के मद्देनजर विशेष रूप से अहम है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इससे पहले नेशनल असेंबली में दावा किया था कि पाकिस्तान पहलगाम हमले की निंदा करने वाले UNSC के प्रेस बयान से TRF का नाम हटवाने में सफल रहा। अब हालांकि, एमटी रिपोर्ट में टीआरएफ का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना पाकिस्तान की कलई खोलने और आतंक के खिलाफ उसकी लड़ाई वाले झूठ का पर्दाफाश होने जैसा है।
अमेरिका बता चुका है टीआएफ को आतंकी संगठन
इसी महीने अमेरिका ने टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन और वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया था। पहलगाम हमले के बाद, 15 देशों की सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को एक प्रेस वक्तव्य जारी किया था, जिसमें आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया गया था।
हालाँकि, वक्तव्य में हमले के लिए जिम्मेदार टीआरएफ का उल्लेख नहीं किया गया था। बताते चलें कि भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था।