नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सोमवार को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव (India-Pakistan Tensions Update) की स्थिति के बारे में विचार-विमर्श करेगी। इसे 'बंद कमरे' में आयोजित किया जाएगा। पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर आपातकालीन बैठक की मांग की थी। पाकिस्तान वर्तमान में 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य है। सुरक्षा परिषद का नेतृत्व मई महीने के लिए ग्रीस कर रहा है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से रविवार को कहा गया कि वह पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के मद्देनजर क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी देगा। इसमें भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करना का मुद्दा भी शामिल है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने सटीक तथ्य पेश करने के पाकिस्तान के प्रयासों का हिस्सा है।'
वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थायी सदस्यों - चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य अभी हैं। इन अस्थायी सदस्य देशों में अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया शामिल हैं। ग्रीस मई महीने के लिए निकाय की अध्यक्षता कर रहा है।
22 अप्रैल से बढ़ा है तनाव, ग्रीस ने क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। संयुक्ता में ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि और मई के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने पिछले सप्ताह कहा कि अगर अनुरोध किया जाता है तो बैठक होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'फिर... मुझे लगता है कि यह बैठक होनी चाहिए क्योंकि, जैसा कि हमने कहा शायद यह विचारों को व्यक्त करने का एक अवसर भी है और इससे तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम निकट संपर्क में हैं...लेकिन यह कुछ ऐसा है जो हो सकता है, मैं कहूंगा, जल्द ही। हम देखेंगे, हम तैयारी कर रहे हैं।'
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जब उसने सेकेरिस से पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद से भारत पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा मुद्दा है जो बहुत प्रासंगिक है। जैसा कि मैंने पहले कहा, सिद्धांत के आधार पर हम आतंकवाद के किसी भी कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं और यही हमने पहलगाम में हुए "जघन्य आतंकवादी हमले" पर किया, जिसमें नागरिक मारे गए थे।'
सेकेरिस ने आगे कहा, 'हम भारत सरकार, नेपाल और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं, जहाँ भी यह हो रहा है। दूसरी ओर, हम इस तनाव के बारे में चिंतित हैं जो इस क्षेत्र में बढ़ रहा है। दो बहुत बड़े देश। बेशक, भारत पाकिस्तान से कहीं ज़्यादा बड़ा है।'
एस जयशंकर ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों देशों से की बात
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार पहलगाम हमले के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को छोड़कर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों से बात की थी। उन्होंने उनसे कहा कि "इसके अपराधियों, समर्थकों और योजना बनाने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।"
जयशंकर ने पहलगाम हमले पर ग्रीक विदेश मंत्री जॉर्ज गेरापेट्रिटिस के साथ भी बाततीच की थी और इसे सकारात्मक बताया था। इसके अलावा विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, डेनमार्क, सिएरा लियोन, अल्जीरिया, गुयाना, स्लोवेनिया, सोमालिया और पनामा के विदेश मंत्रियों से भी बात की थी।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए हैं कई कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए है। इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना सबसे अहम है। इसके अलावा दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास में सैन्य सलाहकारों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित करना और अटारी सीमा को तत्काल बंद करना शामिल है। इसके अलावा पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करना भी अहम फैसलों में शामिल है।
भारत ने पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर भी प्रतिबंध लगाया है। जवाब में पाकिस्तान ने सभी भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और तीसरे देशों के माध्यम से नई दिल्ली के साथ व्यापार को निलंबित किया है। पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने को भी खारिज किया है और कहा कि पाकिस्तान को पानी के प्रवाह को रोकने के किसी भी उपाय को "युद्ध की कार्रवाई" के रूप में देखा जाएगा। भारत ने भी पाकिस्तान के लिए एयर स्पेस बंद कर रखा है।