'जो करेगा जात की बात...' छात्रों को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने सुनाया पुराना किस्सा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए जाति की राजनीति पर जमकर बरसे। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से उद्यमशील बनने को कहा। छात्रों से अपील की कि नौकरी ढूंढने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनो।

Union Minister Nitin Gadkari

Union Minister Nitin Gadkari Photograph: (आईएएनएस)

नागपुरः सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जाति को लेकर तीखा हमला बोला। जाति के आधार पर होने वाली राजनीति के ऊपर तीक्ष्ण हमला बोलते हुए गडकरी ने कहा कि व्यक्ति की महानता गुणों के आधार पर तय होती है न कि जाति, धर्म और लिंग के आधार पर। 

गडकरी ने कहा कि वह इस सिद्धांत से पीछे नहीं हटेंगे चाहे इसके लिए उन्हें चुनाव में नुकसान ही क्यों न उठाना पड़े? इसके साथ ही गडकरी ने अपनी पुरानी सभा का किस्सा साझा करते हुए कहा " जो करेगा जात की बात, उसको कसके मारूंगा लात।"

गडकरी पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही नागपुर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं और वर्तमान में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री हैं। 

दीक्षांत समारोह में क्या बोले गडकरी?

नागपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह में सबोधित करते हुए उन्होंने कहा "जब अब्दुल कलाम नाभिकीय वैज्ञानिक बने तो उन्हें बहुत कुछ मिला क्योंकि उनका नाम पूरी दुनिया में पहुंचा। मैं मानता हूं कि व्यक्ति जाति, धर्म, भाषा या लिंग से महान नहीं बनता बल्कि गुणों से महान बनता है। इसलिए हम किसी के साथ जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे।"

गडकरी ने कहा कि वह राजनीति में हैं और जाति के आधार पर राजनीति करने वाले नेता उनसे मिलते हैं। उन्होंने कहा "लेकिन मैं स्पष्ट हूं। मैं अपनी शर्तों पर जिऊंगा चाहे मुझे वोट ही क्यों न मिले। मैंने एक बार 50 हजार लोगों की सभा में कहा था। 'जो करेगा जात की बात, उसके कस के मारूंगा लात'।"

इसके साथ ही गडकरी ने कहा कि मेरे दोस्त कहते हैं कि मुझे अपने स्टैंड की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। लेकिन मैं उसके बारे में चिंता नहीं करता हूं। क्या कोई चुनाव हारने पर मर जाएगा। मैं अपने सिद्धांतों पर जीवन भर अडिग रहूंगा। 

शिक्षा करती है समाज और देश का विकास

गडकरी ने कहा कि शिक्षा बहुत जरूरी है। "शिक्षा सिर्फ आपके परिवार को लाभ नहीं पहुंचाती है। यह समाज और देश का विकास करती है। ज्ञान ही शक्ति है और इसे आत्मसात करना आपका मिशन है। "

गडकरी ने आगे कहा कि कुछ लोग गलत सोचते हैं कि वह एक इंजीनियर हैं क्योंकि उनके नाम विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास 12 डी. लिट डिग्रियां हैं लेकन मैं नाम के आगे डॉक्टरेट नहीं लगाता हूं। मेरी कहानी यह है कि... 1975 में जब आपातकाल घोषित किया गया तो मैं 11वीं कक्षा में था। मैंने आपातकाल के विरोध में काम करना शुरू किया, इससे मेरी पढ़ाई पर असर पड़ा और मैं इंजीनियरिंग के लिए नहीं जा पाया। इसलिए जो इंजीनियरिंग क्वालिफाई नहीं कर पाया, वह डॉक्टरेट कैसे बन सकता है? इसलिए मैं यह टाइटल नहीं लगाता हूं। 

गडकरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डिग्री और सफलता के रिश्ते को समझो। ज्ञान के साथ उद्यमशीलता भी जरूरी है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि " नौकरी ढूंढने वाले न बनो बल्कि नौकरी लेने वाले बनो। "

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