वक्फ बिल को कैबिनेट से मंजूरी, बजट सत्र के दूसरे चरण में सदन में पेश कर सकती है सरकार: रिपोर्ट

वक्फ (संशोधन) बिल को पहली बार पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था। हालांकि, विपक्ष के विरोध के बीच इसे बाद में जेपीसी के पास भेज दिया गया था।

 Lok Sabha

लोकसभा Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है। कैबिनेट 19 फरवरी की मीटिंग में इसे मंजूरी दे दी थी। संभावना जताई जा रही है कि सरकार इसे मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में ला सकती है।  बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होने जा रहा है।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार कैबिनेट ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा प्रस्तावित 14 बदलावों को स्वीकार कर लिया है। इस बिल को पिछले साल अगस्त में जेपीसी के पास भेजा गया था।

13 फरवरी को जेपीसी ने पेश की थी रिपोर्ट

जेपीसी ने 13 फरवरी को सदन में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश की थी। हालांकि, इस बिल पर जेपीसी के गठन और कार्यप्रणाली को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ भाजपा (और उसके सहयोगियों) के बीच हमेशा से गतिरोध सामने आता रहा है। विपक्ष ने पूर्व ने भाजपा से लोकसभा सांसद और वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था।

जेपीसी ने इस बिल पर पिछले छह महीनों में लगभग तीन दर्जन बैठकें और सुनवाई कीं। कुछ बैठकों में काफी विवाद और टकराव नजर आया। एक बैठक में तो तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा गुस्से में मेज पर कांच की बोतल फोड़ने की भी खबरें सामने आई।

जेपीसी सदस्यों द्वारा 66 बदलाव प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें से विपक्ष के सभी 44 प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। वहीं, बीजेपी और सहयोगी पार्टी के सांसदों की ओर से बदलाव के प्रस्ताव को मान लिया गया था। इससे एक और विवाद शुरू हो गया। जेपीसी में भाजपा और सहयोगी दलों के 16 सांसद थे और विपक्ष के 10 सांसद शामिल थे।

वक्फ संशोधन (संशोधन) बिल को पहली बार पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था। हालांकि, विपक्ष के विरोध के बाद इसे जेपीसी को भेज दिया गया। जेपीसी ने जनवरी के आखिरी हफ्ते में बिल में नए बदलाव पर अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी थी।

वक्फ बिल में किन अहम बदलावों को मंजूरी?

14 प्रस्तावित बदलाव में गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी इसमें जगह देने और महिला प्रतिनिधि को शामिल करने जैसी बातें शामिल हैं। इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव संबंधित राज्य द्वारा नामित एक अधिकारी को यह निर्धारित करने का निर्देश देना है कि कोई संपत्ति 'वक्फ' है या नहीं। मूल मसौदे में यह निर्णय जिला कलक्टर पर छोड़ दिया गया था।

इसके अलावा पुराने कानून में अगर किसी प्रॉपर्टी का दावा है तो अपील सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही की जा सकती थी। प्रस्तावित बदलाव ये कहा गया है कि अब ट्रिब्यूनल के अलावा कोर्ट में भी अपील किया जा सकेगा। इसके अलावा सत्यापन प्रक्रियाओं में सुधार, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, अवैध कब्जों पर रोकथाम, वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव जैसी बातें भी शामिल हैं।

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