केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को दी मंजूरी, क्या होगा इससे फायदा?

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन द्वारा भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्ति प्राप्त करने और साधन संपन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को दी मंजूरी, क्या होगा इससे फायदा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo: IANS)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दी और मोलेसेस तथा गन्ने के रस की नई कीमतों को मंजूरी दी।

इथेनॉल ने 40,000 करोड़ रुपये के लाभ में योगदान दिया

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद बताया, "आज सबसे बड़ा फैसला किसानों के हित में लिया गया है। हम सब जानते हैं कि इथेनॉल के उपयोग से देश की इकॉनोमी को बहुत बड़ा फायदा हुआ है। यह किसानों के लिए फायदेमंद रहा है, विदेशी मुद्रा की बचत करता है और पर्यावरणीय स्थिरता का समर्थन करता है। अक्टूबर में समाप्त हुए पिछले इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) में, इथेनॉल ने 40,000 करोड़ रुपये के लाभ में योगदान दिया।"

उन्होंने कहा, "आपने देखा होगा कि गन्ने से तीन चीजें निकलती हैं - जिनमें सी हैवी मोलेसेस, बी हैवी मोलेसेस और गन्ने का रस शामिल है। इन तीनों की खरीद कीमतों को आज कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई। इसका जितना उपयोग इथेनॉल बनाने में होगा, उतना ही यह देश, किसानों और पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, इसलिए इसे प्रमुखता से बढ़ावा दिया जा रहा है।"

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन से लाभ

उन्होंने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से आने वाली पीढ़ी, अर्थव्यवस्था और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। इसी श्रृंखला में आज प्रधानमंत्री ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट हमारी अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण है। नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन में 16,300 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसे छह वर्ष के लिए मंजूरी दी गई है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन द्वारा भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्ति प्राप्त करने और साधन संपन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं, देश के भीतर महत्वपूर्ण खनिज भंडारों का भी विकास होगा।

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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