नई दिल्लीः वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को देश का आम बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण ने बीते दिन आठवीं बार देश का बजट पेश किया। इस बजट में गिग वर्कर्स के लिए बड़ी घोषणा की गई है। वित्तमंत्री के ऐलान के बाद करीब एक करोड़ गिग वर्कर्स प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) स्वास्थ्य योजना का लाभ उठा सकेंगे। इसके तहत गिग वर्कर्स के परिवार को सालाना पांच लाख रूपये तक का स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि "ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के गिग वर्कर्स नए समय की सेवा अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण गतिशीलता प्रदान करते हैं। उनके योगदान को देखते हुए हमारी सरकार उनके पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराएगी। उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।"
इसके लिए गिग वर्कर्स का पंजीकरण होगा और फिर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के आधार पर वह सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
क्या है प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना?
जन आरोग्य योजना के तहत आने वाले परिवारों को प्रति वर्ष पांच लाख रूपये तक की सालाना स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त रूप से दी जाती हैं। ये सुविधाएं माध्यमिक और तृतीयक श्रेणी में आने वाले अस्पतालों में दी जाती हैं। हालांकि गिग वर्कर्स को अब तक इसमें शामिल नहीं किया गया था। वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद गिग वर्कर्स को भी इस योजना के तहत जोड़ा जाएगा।
गिग वर्कर्स कौन होते हैं?
गिग वर्कर्स वे लोग होते हैं जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सेवाएं दे रहे हैं। इसमें स्विगी, जोमैटो, ई-कॉमर्स बिजनेस जैसे-अमेजन, फ्लिपकार्ट पर कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लोग शामिल हैं। इसके साथ ही वे लोग जो फ्रीलांसिग काम करते हैं वे लोग भी गिग वर्कर्स की श्रेणी में आते हैं। मौजूदा समय में भारत में गिग वर्कर्स की संख्या का अनुमान एक करोड़ के करीब बताया जाता है। बढ़ती जनसंख्या और रोजगार की कमी के चलते गिग इकॉनमी आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है।
निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद गिग वर्कर्स के काम को पहचान मिली है। इसके साथ ही इनका पंजीकरण भी कराया जाएगा।
2025-26 के बजट में मध्यमवर्गीय लोगों का खास ख्याल रखा गया है। सालाना 12 लाख रूपये तक की कमाई करने वाले लोगों को टैक्स फ्री की श्रेणी में रखा जाएगा।