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उदयपुरः प्रसिद्ध एकलिंगजी मंदिर में धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए नए दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं। अब मंदिर में मिनी स्कर्ट, बरमूडा और नाइट सूट जैसे छोटे कपड़े पहनकर प्रवेश करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा, मोबाइल फोन लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
मंदिर की पवित्रता बनाए रखने की पहल
मंदिर प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि इन नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखना है। शुक्रवार को मंदिर परिसर में इन नियमों का उल्लेख करते हुए बैनर लगाए गए। प्रबंधन ने बताया कि पहले आगंतुकों को स्विच-ऑफ मोड में मोबाइल फोन लाने की अनुमति थी, लेकिन अब फोटोग्राफी और फोन का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मंदिर समिति ने बताया कि कई आगंतुकों ने अनुचित पोशाक और व्यवहार के कारण असहजता व्यक्त की थी, जिसके बाद ये परिवर्तन किए गए। साथ ही, मंदिर में पालतू जानवर और हथियार लाने पर भी प्रतिबंध जारी है। प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से इन नियमों का सम्मान करने और मंदिर की पवित्रता बनाए रखने की अपील की है।
एकलिंगजी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
उदयपुर से 22 किलोमीटर दूर कैलाशपुरी गांव में स्थित एकलिंगजी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें मेवाड़ के देवता के रूप में पूजा जाता है। इसे बप्पा रावल ने 734-753 ई. के बीच स्थापित किया था। मंदिर का जीर्णोद्धार महाराणा मोकल (1421-1433 ई.) द्वारा और वर्तमान मूर्ति की स्थापना महाराणा रायमल (1473-1509 ई.) ने की थी।
सफेद संगमरमर से निर्मित इस भव्य मंदिर परिसर में 108 छोटे मंदिर हैं। गर्भगृह में भगवान एकलिंगजी की चार मुख वाली काले संगमरमर की मूर्ति और बाहर नंदी की चांदी की मूर्ति स्थित है।
अन्य मंदिरों में भी लागू हुआ ड्रेस कोड
राजस्थान के अन्य मंदिरों ने भी सांस्कृतिक अनुशासन और जागरूकता बढ़ाने के लिए ड्रेस कोड लागू किया है। उदयपुर के जगदीश मंदिर ने पिछले साल टी-शर्ट, बरमूडा और नाइट सूट पर प्रतिबंध लगाया था, हालांकि विवाद के चलते बैनर हटा दिए गए थे। इसी तरह जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर में हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट और फटी जींस पर प्रतिबंध है। इसके अलावा भीलवाड़ा के कोटड़ी चारभुजानाथ मंदिर में भी पहले से ड्रेस कोड लागू है।