वाशिंगटनः अमेरिका ने भारत और बांग्लादेश समेत कई देशों को दी जाने वाली करोड़ों डॉलर की वित्तीय सहायता रद्द कर दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नई अमेरिकी सरकार ने बजट कटौती की नीति अपनाते हुए अंतरराष्ट्रीय सहायता में व्यापक कटौती की है।
इस फैसले के तहत भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रस्तावित 21 मिलियन डॉलर (लगभग 182 करोड़ रुपये) और बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर (लगभग 252 करोड़ रुपये) की वित्तीय सहायता को बंद कर दिया गया है।
भारत में मतदाता भागीदारी के लिए फंडिंग रद्द
एलन मस्क के नेतृत्व वाले "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE)" ने शनिवार को घोषणा की कि अमेरिका भारत में चुनावों के लिए मतदाता भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से दी जाने वाली 21 मिलियन डॉलर की सहायता को रद्द कर रहा है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय सहायता में व्यापक कटौती के हिस्से के रूप में लिया गया है। DOGE ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि "अमेरिकी करदाताओं का पैसा अब इन परियोजनाओं पर खर्च नहीं किया जाएगा।"
US taxpayer dollars were going to be spent on the following items, all which have been cancelled:
— Department of Government Efficiency (@DOGE) February 15, 2025
- $10M for "Mozambique voluntary medical male circumcision"
- $9.7M for UC Berkeley to develop "a cohort of Cambodian youth with enterprise driven skills"
- $2.3M for "strengthening…
गौरतलब है कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने की बात कही गई थी। हालांकि, इस फंडिंग कटौती का जिक्र किसी भी आधिकारिक बयान या प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं किया गया।
बांग्लादेश में संकट के बीच सहायता बंद
बांग्लादेश में 29 मिलियन डॉलर की सहायता को रद्द करने का निर्णय भी बड़े प्रभाव डाल सकता है। यह राशि देश में लोकतांत्रिक शासन को मजबूत करने और राजनीतिक स्थिरता लाने के लिए दी जानी थी। बांग्लादेश इस समय एक गंभीर राजनीतिक संकट से जूझ रहा है, जहां हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बाद सेना ने प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया है। हसीना ने भारत में शरण ली है और अब नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बांग्लादेश में शासन कर रही है। हालांकि, स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है।
बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इस फंडिंग पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, "भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर? यह साफ तौर पर भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे आखिर किसे फायदा होने वाला था? निश्चित रूप से सत्ताधारी दल को नहीं!"
- $486M to the “Consortium for Elections and Political Process Strengthening,” including $22M for "inclusive and participatory political process" in Moldova and $21M for voter turnout in India.
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 15, 2025
$21M for voter turnout? This definitely is external interference in India’s electoral… https://t.co/DsTJhh9J2J
अन्य देशों में भी फंडिंग में कटौती
भारत और बांग्लादेश के अलावा, अमेरिका ने कई अन्य देशों की परियोजनाओं की फंडिंग में कटौती की है, जिनमें शामिल हैं:
- मोजाम्बिक में 10 मिलियन डॉलर की चिकित्सा परियोजना
- कंबोडिया में स्वतंत्र आवाजों को मजबूत करने के लिए 2.3 मिलियन डॉलर
- मोल्डोवा में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को समावेशी बनाने के लिए 22 मिलियन डॉलर
- नेपाल में जैव विविधता संरक्षण के लिए 19 मिलियन डॉलर
- लाइबेरिया में मतदाता विश्वास बढ़ाने के लिए 1.5 मिलियन डॉलर
- कोसोवो में सामाजिक समावेशन बढ़ाने के लिए 2 मिलियन डॉलर
ट्रंप ने एलन मस्क की तारीफ की
यह फंडिंग कटौती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की "बजट सुधार नीति" का हिस्सा है, जिसमें अनावश्यक सरकारी खर्चों को कम करने पर जोर दिया जा रहा है। एलन मस्क द्वारा संचालित DOGE का गठन सरकार के खर्चों को नियंत्रित करने और प्रशासन को अधिक कुशल बनाने के उद्देश्य से किया गया था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा, "हमने अब तक सरकारी खर्चों में अरबों डॉलर की बचत की है और यह आंकड़ा 500 अरब डॉलर तक जा सकता है। यह बेहद जरूरी था।"