कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस नेता और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के एक धार्मिक कार्यक्रम में दिए बयान पर बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में जमकर हंगामा मचा। भाजपा विधायकों ने टीएमसी मंत्री से उनके ‘सांप्रदायिक भाषण’ के लिए माफी की मांग की और कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है वे उनका बहिष्कार करेंगे। वहीं, हकीम ने तर्क दिया कि सदन के बाहर की गई टिप्पणियों पर सदन में चर्चा नहीं की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा से धर्मनिरपेक्षता पर सीख लेने की जरूरत नहीं है।
फिरहाद हकीम के किस बयान पर हंगामा?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिन पहले कोलकाता में आयोजित ‘अखिल भारतीय कुरान प्रतियोगिता’ में हकीम ने कहा था, ‘जो इस्लाम में पैदा नहीं हुए हैं वे दुर्भाग्यशाली हैं। वे दुर्भाग्य के साथ पैदा हुए हैं…इसे (इस्लाम को) गैर-मुसलमानों के बीच फैलाया जाना चाहिए।’ हकीम ने ये बयान स्थानीय बंगाली भाषा में दिया था।
इसी कार्यक्रम में हकीम ने आगे कहा था, ‘हम मुस्लिम हैं, एक मुस्लिम घर में पैदा हुए, एक मुस्लिम घर में पले-बढ़े, हमारी रिवाज ज्यादातर लोगों को पता है। लेकिन जो दुर्भाग्य से पैदा हुए, जो इस्लाम में पैदा नहीं हुए, इस्लाम उन्हें भी बुलाता है।’
भाजपा का हंगामा
टीमएसी मंत्री की इन्हीं टिप्पणी को ‘अत्यधिक निंदनीय’ बताते हुए भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने (हकीम) अन्य समुदायों के लोगों से धर्म परिवर्तन की बात कही है। हमें इसके खिलाफ लड़ना होगा…हमें धर्मयुद्ध लड़ना होगा।’
दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान जैसे ही हकीम एक सवाल का जवाब देने के लिए खड़े हुए, उसी दौरान शंकर घोष के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने उनसे माफी मांगने और अपना बयान वापस लेने को कहा। इस पर हकीम ने कहा, ‘यह मामला विधान सभा के अंदर का नहीं है। इसलिए, इस पर यहां चर्चा नहीं की जानी चाहिए।’
हकीम ने कहा, ‘मैं जीवन भर एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति रहा हूं। एक धार्मिक कार्यक्रम में मैंने जो भी टिप्पणी की उसका राजनीति और समाज से कोई लेना-देना नहीं है। मैं अपने जीवन की आखिरी सांस तक धर्मनिरपेक्ष और गैर-सांप्रदायिक रहूंगा। मुझे भाजपा से धर्मनिरपेक्षता का पाठ सीखने की जरूरत नहीं है।’
भाजपा विधायकों का हंगामा इस बीच जारी रहा और उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया। इस मुद्दे पर दिन भर में तीन बार भाजपा विधायकों ने वॉक आउट किया। वहीं, स्पीकर बिमान बंद्योपाध्याय ने इसे ‘असंवैधानिक’ और ‘अभूतपूर्व’ बताते हुए भाजपा विधायकों से विधानसभा में मर्यादा का पालन करने की बात कही। कृषि मंत्री शोभनदेब चटर्जी ने कहा कि अपने 30 साल से अधिक के राजनीतिक करियर में उन्होंने कभी किसी विपक्षी दल को इस तरह का कृत्य करते नहीं देखा।
वहीं, बीजेपी विधायकों ने विधानसभा के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए शंकर घोष ने कहा, ‘हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि हम विधानसभा के पटल पर फिरहाद हकीम का तब तक बहिष्कार करना जारी रखेंगे, जब तक वह अपनी टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांग लेते।’