नई दिल्ली: मोबाइल सेवा ठप होने पर ग्राहकों को काफी परेशानी होती है और इससे केवल यूजरों का ही नुकसान होता है। इस समस्या को सुलझाने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा शुक्रवार को नए नियम जारी किए गए हैं।
इसके तहत जिला स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा प्रभावित रहने पर टेलीकॉम ऑपरेटरों को इसके लिए ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। यही नहीं सेवा की गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहने वाले ऑपरेटरों के लिए जुर्माने की राशि भी बढ़ा दी गई है।
ट्राई ने 50 हजार के जुर्माने को बढ़ाकर एक लाख कर दिया है। इसके आलावा जिस स्तर से सेवाएं प्रभावित होंगी उस हिसाब से जुर्माने की राशि को भी बढ़ाया गया है। इसके लिए एक लाख से 10 लाख तक का हर्जाना तय किया गया है। इन नियमों को आने वाले छह महीनों में लागू किया जाएगा।
क्या कहते हैं नए नियम
संशोधित किए गए नियमों के तहत, अगर किसी जिले में 24 घंटे से ज्यादा देर तक मोबाइल सेवाएं बंद रहती है तो इस केस में टेलीकॉम ऑपरेटरों को पोस्टपेड ग्राहकों को उनके बिल में छूट देना होगा।
यही नहीं सेवाओं के बाधित होने पर बतौर मुआवजा टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा प्रीपेड ग्राहकों को उनके कनेक्शन की वैधता को भी बढ़ानी होगी।
अगर ये सेवाएं एक दिन में 12 घंटे से अधिक प्रभावित रहती है तो इसे केवल 12 घंटे ही नहीं बल्कि पूरे एक दिन के तौर पर माना जाएगा और इसी के तहत पोस्टपेड औप प्रीपेड ग्राहकों को छूट या फिर उनकी वैधता बढ़ाई जाएगी।
टेलीकॉम कंपनियों को यह मुआवजा एक हफ्ते के भीतर देना होगा। हालांकि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बाधित सेवाओं के लिए ग्राहकों कोई भी मुआवजा नहीं मिलेगा।ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कंपनियों का कोई भी दोष नहीं होता है।
नियम में यह भी कहा गया है कि फिक्स्ड-लाइन सेवा देने वाले प्रोवाइडर की सेवाओं में अगर कोई खराबी आती है तो इसे तीन दिनों के भीतर ही ठीक करना होगा नहीं तो इसके लिए कंपनियों को ग्राहकों को मुआवजा देना पड़ सकता है।
नियमों के उल्लंघन पर इतना होगा जुर्माना
नियामक ने संशोधित नियमों ”पहुंच (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा गुणवत्ता मानक विनियम 2024” के तहत इन नियमों का उल्लघंन करने वालों को अलग-अलग पैमानों के तहत हर्जाना देना पड़ेगा।
इन पैमानों के तहत पहली बार नियमों के उल्लंघन पर एक लाख रुपए, दूसरी बार पर दो लाख, तीसरी बार पांच लाख और चौथी बार में 10 लाख का जुर्माना देना पड़ेगा।
सात दिन के भीतर देनी होगी ब्रॉडबैंड की सेवा
ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर को ग्राहकों द्वारा सेवा के लिए किए गए भुगतान के सात दिन के अंदर 98 फीसदी कनेक्शनों को चालू करना होगा। यही नहीं मोबाइल सर्विस प्रोवाइडरों को अपनी वेबसाइटों पर 2जी, 3जी, 4जी और 5जी सेवाओं के लिए भौगोलिक कवरेज के नक्शे को भी उपलब्ध कराने होंगे।
पिछले महीने बढ़े हैं 10-20 फीसदी टैरिफ
पिछले ही महीने देश की तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उनके मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी की गई है। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया
ने 10 से 25 फीसदी टैरिफ बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी को लेकर काफी विवाद भी हुआ है और मोबाइल यूजरों द्वारा इसकी खूब आलोचना भी हुई है। देश के विपक्षी पार्टियों ने भी इसे एक मुद्दा भी बनाया है।
इस पूरे विवाद पर दूरसंचार विभाग (DoT) ने भी सफाई दी है और कहा है कि दो साल के बाद मोबाइल ऑपरेटरों द्वारा यह टैरिफ हाइक हुआ है। इसके लिए तर्क दिया गया है कि कुछ ऑपरेटरों ने देश भर में 5जी की सेवाओं को शुरू करने के लिए भारी निवेश भी किया है।
ऐसे में इस निवेश के बावजूद पिछले कुछ सालों में खराब नेटवर्क को लेकर यूजरों की शिकायतों में भी भारी इजाफा हुआ है।
बढ़ रही हैं कॉल ड्रॉप और मोबाइल कनेक्शन की समस्या
एक रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए सर्वे से पता चला है कि केवल गांवों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी कॉल ड्रॉप और मोबाइल कनेक्शन की समस्याओं से ग्राहक परेशान रहते हैं। इस सर्वे में 10,925 लोगों से पिछले तीन महीने में उनके मोबाइल कनेक्शन के सेवा के बारे में उनका फीडबैक लिया गया है।
सर्वे में शामिल 89 फीसदी ग्राहकों को कॉल कनेक्शन और कॉल ड्रॉप की समस्याओं का सामना करना पड़ा है। 17 फीसदी यूजरों ने बताया 50 प्रतिशत से ज्यादा कॉलों में उन्हें समस्या हुई है जबकि 21 फीसदी ने कहा कि उन्हें 20 से 50 प्रतिशत परेशानी हुई है।