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इंदौर: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गणगौर विसर्जन के लिए कुएं की सफाई के लिए उतरे 8 लोगों की मौत हो गई। सामने आई जानकारी के अनुसार पहले एक शख्स कुएं में फंसा। इसके बाद उसे बचाने के लिए दूसरा शख्स कुएं में उतरा। इसके बाद एक के बाद एक छह और लोग नीचे उतरे लेकिन कोई वापस नहीं आ सका।
इस बीच जब तक जानकारी मिलने पर पुलिस और बचाव दल पहुंचे, सभी 8 लोगों की कुएं में नीचे दलदल में फंसने के बाद मौत हो चुकी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के अनुसार घटना कोंदावत गांव की है, जहां गणगौर उत्सव मनाया जा रहा था। हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है।
हादसे के बाद ग्रामीणों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया वहीं पुलिस और प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा। बताया गया कि एक व्यक्ति को बचाने एक-एक कर लोग उतरे लेकिन जहरीली गैस से सभी 8 लोगों की मौत हो गई।
रस्सी टूटने से कुएं में गिरा पहला युवक
कोंदावत इंदौर से करीब 120 किलोमीटर दक्षिण में और जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर है। खंडवा के एसपी मनोज राय ने बताया, 'दोपहर में रस्सी टूटने से एक युवक कुएं में गिर गया। वह कीचड़ में डूब गया और ऊपर नहीं आया। यह देखकर एक-एक करके सात अन्य ग्रामीण एक-दूसरे को बचाने के लिए कुएं में कूद पड़े, लेकिन उनकी मौत हो गई। ऐसा संदेह है कि कुएं के अंदर जमा जहरीली गैसों के कारण दम घुटने से मौत हुई।'
ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी और 100 लोगों का बचाव दल कोंदावत की ओर रवाना हुआ। एसडीईआरएफ के 15 सदस्यों ने कीचड़ में डूबे मृतकों तक पहुंचने के लिए घंटों संघर्ष किया। मृतकों की पहचान राकेश, वासुदेव, अर्जुन, गजानंद, मोहन, अजय, शरण और अनिल के रूप में हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए खंडवा जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि गांव से एक नाला कुएं में जाता है, जिससे समय के साथ यह दलदल में बदल गया। माना जा रहा है कि अत्यधिक प्रदूषण और कूड़े-कचड़े आदि के कारण वहां से जहरीली गैसें निकल रही थीं। एक अधिकारी ने कहा, 'इस कुएं का इस्तेमाल केवल त्योहारों के दौरान मूर्तियों के विसर्जन के लिए किया जाता था। इसका इस्तेमाल पीने के पानी के स्रोत के रूप में नहीं किया जाता था।' कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि प्रत्येक पीड़ित के परिवार के सदस्यों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।