तृणमूल नेता लवली खातून पर बांग्लादेशी घुसपैठिया होने का आरोप (फोटो- X)
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मालदा के राशीदाबाद ग्राम पंचायत की प्रधान लवली खातून को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी दावा कर रहे हैं कि लवली खातून बांग्लादेशी हैं और अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुई थीं। वहीं, इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी आरोपों को लेकर रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट ने मालदा जिले के चंचल के सब-डिविजनल अफसर से रिपोर्ट तलब किया है।
हाई कोर्ट में दायर हुई थी याचिका
दरअसल, चंचल की रहने वाली रेहाना सुल्ताना ने 2024 में कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। रेहाना ने 2022 में ग्राम पंचायत चुनाव लड़ा था लेकिन लवली खातून से चुनाव हार गईं थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सुल्ताना की वकील अमलान भादुड़ी ने बताया, 'याचिका दायर करने वाली रेहाना सुल्ताना ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन वह लवली खातून से हार गई थीं। खातून कांग्रेस और वाम गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़ी थीं। खातून चुनाव जीतने के बाद एक या दो महीने के भीतर तृणमूल में शामिल हो गईं।
'लवली खातून नहीं नासिया शेख है असली नाम'
भादुड़ी ने आरोप लगाया कि लवली खातून का असली नाम नासिया शेख है और वह कथित तौर पर एक बांग्लादेशी अप्रवासी है। आरोपों के अनुसार वह बिना पासपोर्ट के अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि 2015 में खातून के नाम पर एक आधार कार्ड जारी किया गया था। इसके बाद 2018 में जन्म प्रमाण पत्र भी जारी किया गया, लेकिन यह सभी फर्जी दस्तावेजों से बनाए गए हैं।
भादुड़ी ने कहा, 'हम स्थानीय पुलिस स्टेशन और स्थानीय प्रशासन के पास गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए हमने 2024 में कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।'
'किसी और शख्स को बताया अपना पिता'
भादुरी ने दावा किया कि लवली खातून ने चुनाव के लिए अपनी पात्रता साबित करने के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड और यहां तक कि ओबीसी स्टेटस जैसे जाली दस्तावेज बनाए हैं। भादुरी ने कहा, 'हमें स्थानीय लोगों से यह भी पता चला कि खातून एक पड़ोसी गांव गई थी और एक अन्य शख्स को पिता बताने के लिए तैयार कर लिया था।'
उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि उनके पिता का नाम शेख मुस्तफा नहीं बल्कि जमील बिस्वास है। दावों के अनुसार कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में भी शेख मुस्तफा के परिवार में लवली नाम का कोई जिक्र नहीं है।
रेहाना सुल्ताना के वकील ने आगे सवाल उठाया कि जब खातून भारतीय नागरिक हीं नहीं हैं तो वह चुनाव कैसे लड़ सकीं। फिलहाल इस पूरे मुद्दे पर लवली खातून की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पश्चिम बंगाल में सक्रिय है जाली दस्तावेज तैयार वाला गिरोह
लवली खातून का पूरा मामला ऐसे समय में आया है जब हाल में एक गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के लिए जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनाने का काम करते थे।
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने हाल ही में कहा था कि विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर पासपोर्ट सत्यापन प्रणाली को मजबूत करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा था कि एक नई प्रणाली का प्रस्ताव दिया गया है जहां जिला खुफिया शाखा (डीआईबी), स्थानीय पुलिस स्टेशनों और वरिष्ठ अधिकारियों की अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उन्होंने कहा था कि डाकघरों के माध्यम से पासपोर्ट के वितरण के बारे में भी चिंताएं जताई गई हैं। उन्होंने कहा, 'इन कमियों को दूर करने के लिए सभी एजेंसियों को सहयोग करना चाहिए। हमारा लक्ष्य सिस्टम को मजबूत करना है।'