कोलकाताः पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी नेता पीयूष घोष की गोली मारकर हत्या कर गई। यह घटना रात करीब 2 बजे घटी, जब घोष को उनके घर के बाहर बुलाया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। पीयूष घोष पार्टी के सैंथिया पंचायत समिति के कृषि अधिकारी और श्रीनिधिपुर क्षेत्र के अध्यक्ष थे।
पीयूष घोष की हत्या भांगर में एक अन्य तृणमूल के नेता की हत्या के तीन दिन बाद हुई है। ऐसे में बीते तीन दिनों यह दूसरी राजनैतिक हत्या है। इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
शुरुआती जांच में क्या पता चला?
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, शुरुआती जांच रिपोर्टों में पता चला है कि घोष को आधी रात के करीब एक फोन कॉल आया। जैसे ही वह कोमारपुर चौराहे के पास पहुंचे, हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को बरामद किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम परीक्षण के लिए बोलपुर तहसील के अस्पताल में भेज दिया।
बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक अमनदीप सिंह ने कहा कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में दो महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा "मामले की जांच जारी है और हम इस समय अधिक जानकारी आने तक खुलासा नहीं कर सकते।"
नेताओं ने क्या प्रतिक्रिया दी?
वहीं, इस घटना पर दुबराजपुर से भाजपा विधायक अनूप साह ने प्रतिक्रिया देते हुए इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साह ने कहा "बीते कुछ सालों में पश्चिम बंगाल में कई हत्याएं हुई हैं। चाहे आम आदमी हो या टीएमसी नेता हों। ममता बनर्जी पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार हैं। यह सरकार कानून-व्यवस्था संभालने में असमर्थ है।"
वहीं, लवपुर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक अभिजीत सिंह अस्पताल में पहुंचे और घोष के शोकाकुल परिवार से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह एक दुखद घटना है। हमारी पार्टी के नेता घर से बाहर बुलाकर गोली मार दी गई। उन्होंने कहा कि हम बदमाशों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं।