कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस (TMC) में नेताओं के बीच चल रहे मनमुटाव के बीच, वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने पार्टी संसदीय दल के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, पार्टी मुख्यालय ने अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। बनर्जी का यह कदम उनकी पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ चल रही सार्वजनिक जुबानी जंग के बाद आया है।
इस्तीफे की खबर सामने आने से कुछ देर पहले ही, कल्याण बनर्जी ने 'एक्स' पर महुआ मोइत्रा पर निशाना साधा था। उन्होंने उन पर एक पॉडकास्ट में एक साथी सांसद की तुलना "सूअर" से करने और "अमानवीय भाषा" का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने महुआ पर 'अशोभनीय' और 'अपमानजनक भाषा' का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अपने रिकॉर्ड से जुड़े गंभीर सवालों से बचने के लिए नारीवाद को ढाल बना रही हैं।
बनर्जी ने महुआ मोइत्रा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैंने महुआ मोइत्रा की हालिया व्यक्तिगत टिप्पणियों का संज्ञान लिया है। एक साथी सांसद की तुलना 'सूअर' जैसे अमानवीय शब्द से करना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह सभ्य संवाद के बुनियादी मानदंडों के प्रति एक गहरी अवहेलना को दर्शाता है।" उन्होंने कहा कि जो लोग गाली-गलौज से मुद्दों को दबाना चाहते हैं, उन्हें अपनी राजनीति और उसके खोखलेपन पर गौर करना चाहिए।
I have taken note of the recent personal remarks made by Ms. Mahua Moitra in a public podcast. Her choice of words, including the use of dehumanising language such as comparing a fellow MP to a "pig", is not only unfortunate but reflects a deep disregard for basic norms of civil…
— Kalyan Banerjee (@KBanerjee_AITC) August 4, 2025
'एक पुरुष सहकर्मी को 'यौन कुंठित' कहना बहादुरी नहीं, अपमान है'
बनर्जी ने अपनी पिछली टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा सार्वजनिक जवाबदेही और व्यक्तिगत आचरण से जुड़े सवाल उठाए हैं, जिनका सामना हर सार्वजनिक व्यक्ति को करना चाहिए। उन्होंने महुआ पर आरोप लगाया, "यदि तथ्य असुविधाजनक हों तो वैध आलोचना को 'नारी द्वेष' कहकर जांच से भागना उचित नहीं है।"
कल्याण बनर्जी ने दोहरे मापदंड का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "एक पुरुष सहकर्मी को 'यौन कुंठित' कहना बहादुरी नहीं, बल्कि सीधा अपमान है।" उन्होंने कहा कि अगर ऐसी भाषा किसी महिला के लिए इस्तेमाल की जाती तो देशव्यापी आक्रोश होता, जो सही भी होता। लेकिन जब निशाना एक पुरुष होता है, तो इसे या तो नजरअंदाज कर दिया जाता है या सराहा जाता है। बनर्जी ने साफ कहा कि गाली-गलौज, गाली-गलौज ही होती है, चाहे वह किसी भी लिंग के लिए हो।
उन्होंने कहा कि अगर सुश्री मोइत्रा को लगता है कि ऐसे अपमानजनक शब्दों से वह अपनी विफलताओं को छिपा सकती हैं या अपने रिकॉर्ड से जुड़े गंभीर सवालों से ध्यान भटका सकती हैं, तो वह खुद को धोखा दे रही हैं। जो लोग सवालों के जवाब देने के बजाय अपमान पर निर्भर रहते हैं, वे लोकतंत्र के चैंपियन नहीं, बल्कि उसकी शर्मिंदगी हैं।
कल्याण बनर्जी ने इससे पहले महुआ मोइत्रा के निजी जीवन को भी निशाना बनाया था। उन्होंने कहा था कि वह मुझे महिला विरोधी कहती हैं, लेकिन उन्होंने खुद 40 साल पुरानी शादी तुड़वा दी, एक महिला की शादी तोड़कर 65 साल के व्यक्ति से विवाह किया। अब बताएं, असली महिला विरोधी कौन है, मैं या वह?
उन्होंने आगे कहा था, “महुआ ने जिस महिला की शादी तुड़वाई, वह अब कहां जाएगी? वह राजनीति में राहुल गांधी के नाम पर आईं, फिर टीएमसी ज्वाइन की और तृणमूल की लहर में विधायक और फिर सांसद बनीं। अब वे अपनी ही सीट को नुकसान पहुंचा रही हैं। मुझे उनसे नारीवाद या स्त्री-द्वेष पर भाषण नहीं चाहिए।” कल्याण बनर्जी ने साफ कहा, “मैं महिलाओं से कोई द्वेष नहीं करता हूं।”
बता दें यह जुबानी जंग तब शुरू हुई, जब महुआ मोइत्रा ने पार्टी के कुछ नेताओं की "गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों" की सार्वजनिक आलोचना न करने पर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।पार्टी ने फिलहाल कल्याण बनर्जी के इस्तीफे और इस विवाद पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, पार्टी सूत्रों के अनुसार, सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी 7 अगस्त को कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा से मुलाकात करेंगे और इस मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे।