ईवीएम के मुद्दे पर इंडिया ब्लॉक में दो फाड़! (फाइल फोटो- IANS)
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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी ने ईवीएम के मुद्दे पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सिर्फ बयानबाजी से कुछ नहीं होने वाला है। बनर्जी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो सकती है, या कोई सबूत है तो उसे चुनाव आयोग के सामने पेश करना चाहिए। तृणमूल सांसद ने कहा, 'जो लोग ईवीएम पर सवाल उठाते हैं, अगर उनके पास कुछ है तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाकर डेमो दिखाना चाहिए।'
अभिषेक बनर्जी की यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और INDIA ब्लॉक के सदस्य उमर अब्दुल्ला द्वारा ईवीएम पर कांग्रेस की आपत्तियों को खारिज करने के एक दिन बाद आई है। उमर ने कहा था, 'जब आप जीतते हैं तो आप चुनाव परिणामों को स्वीकार करते हैं और जब आप हारते हैं तो ईवीएम को दोष देते हैं।
उमर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को एक इंटरव्यू में कहा था, 'जब आप ईवीएम के ही इस्तेमाल से 100 से अधिक सांसद हासिल करते हैं, और उसका जश्न मनाते हैं तो कुछ ही महीनों बाद यह नहीं कह सकते कि हमें ये ईवीएम पसंद नहीं हैं क्योंकि नतीजे आपके मुताबित नहीं आए।'
ईवीएम मुद्दे पर इंडिया ब्लॉक में दो फाड़!
अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'अगर ईवीएम रैंडमाइजेशन के समय काम ठीक से किया गया है और मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान बूथ पर काम करने वाले लोग ठीक से जांच करते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि इस आरोप में कोई दम है।'
अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'अगर फिर भी किसी को लगता है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है तो उन्हें चुनाव आयोग से मिलना चाहिए और बताना चाहिए कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है। सिर्फ कोई भी बयान देने से कुछ नहीं हो सकता।'
ममता बनर्जी को सौंपना चाहिए इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व?
जब अभिषेक से इंडिया ब्लॉक के कुछ नेताओं के इस सुझाव के बारे में पूछा गया कि क्या ममता बनर्जी को विपक्षी ब्लॉक का नेतृत्व करना चाहिए, तो अभिषेक ने कहा, 'इंडिया ब्लॉक बैठेगा और इस मामले पर चर्चा करेगा।' टीएमसी सांसद ने कहा, 'वह (ममता) सबसे वरिष्ठ हैं। मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका तीसरा कार्यकाल है और वह पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। इसलिए इस संबंध में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'किसी भी पार्टी को छोटा नहीं समझा जाना चाहिए। टीएमसी इंडिया ब्लॉक में एकमात्र पार्टी है जिसने बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस को भी हराया है। यह उसकी ताकत को दर्शाता है। टीएमसी एकमात्र ऐसी पार्टी है जहां लोग बीजेपी से आते हैं।'
अदानी मुद्दे पर तृणमूल पहले ही दे चुकी है कांग्रेस को झटका
इससे पहले तृणमूल गौतम अदानी और अदानी ग्रुप पर अमेरिका में लगे आरोपों वाले मुद्दों पर पहले ही कांग्रेस से अलग लाइन पर खड़ी है। महीने की शुरुआत में तृणमूल ने साफ कर दिया था कि वह अदानी ग्रुप के खिलाफ अमेरिका में लगे आरोपों पर संसद में हंगामे और उसे बाधित करने के पक्ष में नहीं है। तृणमूल ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में बुलाई गई ‘INDIA’ ब्लॉक की मीटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया था।
अभिषेक बनर्जी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में कहा था, ‘हमारा रुख बहुत स्पष्ट है। हम पहले बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। केंद्र ने बंगाल का बकाया रोका हुआ है। हम इन मुद्दों पर संसद में चर्चा चाहते हैं। जाकर कांग्रेस से पूछिए। मैंने कहा है कि हम बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। उनका क्या रूख है?’